नई दिल्ली/हेमिल्टन: इंग्लैंड के साथ खेले गए बेहद रोमांचक मुकाबले को 2 रनों से हारने के बावजूद न्यूज़ीलैंड की टीम टी20 ट्राई सीरीज़ के फाइनल में पहुंच गई है. इंग्लैंड से मिले 195 रनों के लक्ष्य के जवाब में अंक-तालिका में रनरेट के आधार पर न्यूज़ीलैंड को फाइनल में पहुंचने के लिए 175 रनों की दरकार थी. न्यूज़ीलैंड ने इस स्कोर को तो आसानी से पार कर लिया. लेकिन टॉम कुरैन के बेहतरीन आखिरी ओवर के आगे इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने से 2 रनों से चूक गई.
अब न्यूज़ीलैंड टीम की टक्कर बुधवार को फाइनल में ऑकलैंड के ईडन पार्क में ऑस्ट्रेलिया के साथ होगी.
न्यूज़ीलैंड की टीम ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाज़ी के लिए बुलाया. इंग्लैंड ने कप्तान इओन मॉर्गन(80 रन) और डेविड मलान(53 रन) की आतिशी पारियों की मदद से 194 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया.
जिसका जवाब में बल्लेबाज़ी के लिए न्यूज़ीलैंड की टीम को एक बार फिर ओपनर मार्टिन गुप्टिल(62 रन) और कोलिन मुनरो(57 रन) ने तेज़ तर्रार शुरूआत दी. दोनों बल्लेबाज़ों ने पहले विकेट के लिए महज़ 6.3 ओवरों में 78 रन जोड़ दिए. इस दौरान मुनरो ने 21 गेंदों में 57 रन बनाकर टीम को जीत की राह पर डाल दिया. लेकिन इसके तुरंत बाद वो राशिद की गेंद पर विले के हाथों कैच आउट हो गए.
मुनरो के विकेट के बाद आए कप्तान केन विलियमसन बल्ले से कोई खास कमाल नहीं कर सके और महज़ 8 रन बनाकर चलते बने. लेकिन एक छोर पर मार्टिन गुप्टिल जमे रहे. उन्होंने 100 रन के स्कोर पर दूसरा विकेट गिरने के बाद चैपमेन के साथ 64 रनों की मैच जिताऊ साझेदारी कर टीम को जीत के बेहद करीब पहुंचा दिया. हालांकि फाइनल में पहुंचने के लक्ष्य से ठीक पहले गुप्टिल, मलान की गेंद पर बोल्ड हो गए.
इसके बाद एक छोर पर चैपमेन जमे रहे. लेकिन अंतिम ओवरों में न्यूज़ीलैंड की टीम ने बेहद कसी हुई गेंदबाज़ी करते हुए मेज़बान टीम को लक्ष्य हासिल करने नहीं दिया. चैपमेन ने नाबाद 37 रन लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके.
अंतिम ओवर में न्यूज़ीलैंड की टीम को जीत के लिए 12 रनों की दरकार थी. लेकिन युवा तेज़ गेंदबाज़ कुरैन ने चैपमेन और कॉलिन डी ग्रैंडहोम को रन बनाने से रोके रखा. उन्होंने अंतिम ओवर की पहली तीन गेंदों पर महज़ 3 रन दिए. लेकिन इसके बाद चौथी गेंद पर चैपमेन ने शानदार चौका लगाकर टीम की जीत की उम्मीदें बढ़ा दी. लेकिन अंतिम दो गेंदों में न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ महज़ 2 रन ही बटौर सके और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.