क्रिकेट की जनक इंग्लैंड टीम ने 44 साल बाद आईसीसी क्रिकेट विश्वकप पर अपना कब्ज़ा जमाया है. इंग्लैंड की इस जीत में वैसे तो कई खिलाड़ियों का योगदान रहा. लेकिन टीम के स्टार गेंदबाज़ और फाइनल मुकाबले में फाइनल पलों में खुद पर काबू रखने वाले जोफ्रा आर्चर उनकी टीम की जीत के असली सूत्रधार रहे. अब टीम की खिताबी जीत के बाद जोफ्रा ने कहा है कि वो पूरे टूर्नामेंट में दर्द के साथ खेले.

जोफ्रा ने बताया कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान वो दर्द झेलने रहे और दूसरे हाफ में तो वो बिना दवाइयों (पेन किलर) के एक मुकाबला भी नहीं खेल पाए. आर्चर ने विश्व कप में इंग्लैंड के लिए कुल 20 विकेट लिए और बेहद ही कामयाब गेंदबाज़ रहे.

टूर्नामेंट के पांचवे मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ आर्चर को चोट लगी. इसके बाद, इंग्लैंड को भारत एवं न्यूजीलैंड का सामना करना था जिसके कारण कप्तान इयोन मोर्गन ने तेज गेंदबाज को आराम नहीं दिया.

बीबीसी ने आर्चर के हवाले से बताया,

आर्चर ने कहा,

इस विश्वकप से शुरु होने से पहले विदेशी मूल का होने की वजह से आर्चर के टीम में चयन पर भी सवाल थे. लेकिन उनकी तेज़ गति की गेंदबाज़ी और सटीक यॉर्कर और लाइन लेंग्थ की वजह से आर्चर को इंग्लैंड के चयनकर्ताओं ने मौका दिया जिसे आर्चर ने सही साबित भी कर दिखाया.

इंग्लैंड की टीम को अगस्त के महीने में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज़ सीरीज़ खेलनी है. जिसके लिए अभी टीम का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन ऐसी उम्मीद है कि टीम के इस युवा गेंदबाज़ को अब पहली बार इंग्लैंड की टेस्ट जर्सी में भी देखा जाएगा.