Ashes Series: इंग्लैंड की सलामी जोड़ी के लिए सबसे खराब रहा यह साल, 15 मैचों में 14 बार जीरो पर आउट हुए ओपनर्स
Ashes Series: एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में भी इंग्लिश ओपनर्स दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए.
Ashes Series: सर एलेस्टर कुक के साल 2018 में रिटायरमेंट के बाद से ही इंग्लैंड की टीम की ओपनिंग जोड़ी नहीं तलाश पायी है. पिछले 3 सालों में इंग्लिश टीम ने ओपनिंग के लिए 9 अलग-अलग जोड़ियों को आजमाया लेकिन अब तक यह तलाश खत्म नहीं हुई. इन तीन सालों में हसीब हमीद और रोरी बर्न्स की सलामी जोड़ी ही एकमात्र जोड़ी रही, जिनकी औसत साझेदारी 30 रन से उपर है. हालांकि एडिलेड टेस्ट में 275 रन की हार के बाद इंग्लैंड ने एक बार फिर इसमें फेरबदल किया.
इंग्लैंड ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए हसीब हमीद के साथ जैक क्रावली को भेजा, लेकिन इस जोड़ी ने भी टीम को निराश किया. दूसरी पारी में दोनों बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए. जैक क्रावली 5 रन बनाकर मिचेल स्टार्क का शिकार हुए. वहीं हसीब हमीद भी महज 7 रन बनाकर आउट हो गए. इससे पहले पहली पारी में भी जैक 12 रन ही बना पाए थे और हमीद अपना खाता भी नहीं खोल सके थे.
इंग्लैंड के ओपनर्स किस हद तक नाकाम रहे हैं, इस बात का अंदाजा केवल इस आंकड़े से लगाया जा सकता है कि इस साल हुए 15 टेस्ट मैचों में इंग्लिश ओपनर्स 14 बार जीरो पर आउट हुए हैं. यह इंग्लैंड क्रिकेट के इतिहास का सबसे बुरा आंकड़ा है. इससे पहले साल 1986 में इंग्लिश ओपनर्स 7 बार जीरो पर आउट हुए थे. साल 1998 में भी इंग्लिश ओपनर्स 7 बार बिना खाता खोले आउट हुए थे.
इस साल इंग्लैंड ने आजमाए 4 ओपनर्स, ऐसा रहा इनका प्रदर्शन
1. रोरी बर्न्स: 19 पारियों में 27.89 की औसत से 530 रन (6 बार जीरो पर आउट)
2. डॉम सिबली: 20 पारियों में 19.77 की औसत से 356 रन (4 बार जीरो पर आउट)
3. हसीब हमीद: 8 पारियों में 23.62 की औसत से 189 रन (3 बार जीरो पर आउट)
4. जैक क्रावली: 9 पारियों में 12.66 की औसत से 114 रन (एक बार जीरो पर आउट)