England vs India Women 3rd ODI: क्लीन स्वीप से बचना चाहेगी टीम इंडिया, हरमनप्रीत की खराब फॉर्म चिंता का विषय
पिछले सात वनडे मैचों में से छह मैच हारने के बाद मिताली राज की अगुवाई वाली टीम को लय हासिल करने में मुश्किल हो रही है. तीसरे वनडे में भारतीय टीम के ऊपर सूपड़ा साफ होने का खतरा मंडरा रहा है.

England Women vs India Women 3rd ODI: लंबे समय से रन बनाने के लिये जूझ रही भारतीय महिला वनडे क्रिकेट टीम की उप कप्तान हरमनप्रीत कौर जल्द ही लय हासिल करने के लिए बेताब होंगी, क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ खेली जाने वाली सीरीज़ के तीसरे और आखिरी वनडे मैच में शनिवार को टीम के सामने 3-0 की करारी शिकस्त से बचने की चुनौती होगी.
भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा वनडे कल यानी तीन जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर तीन बजकर 30 मिनट से शुरू होगा. पहले दो वनडे जीतकर इंग्लैंड की टीम सीरीज़ में 2-0 से आगे चल रही है.
पिछले सात वनडे मैचों में से छह मैच हारने के बाद मिताली राज की अगुवाई वाली टीम को लय हासिल करने में मुश्किल हो रही है. उसे घरेलू धरती पर दक्षिण अफ्रीकी महिला टीम से हार झेलनी पड़ी थी और अब इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज़ में भी सूपड़ा साफ होने का खतरा मंडरा रहा है.
सीरीज़ के दूसरे वनडे में जहां गेंदबाजों ने अपने खेल के स्तर को ऊंचा करते हुए बेहतर प्रदर्शन किया, तो वहीं लचर बल्लेबाजी के कारण फिर से टीम को हार का सामना करना पड़ा. लगातार अंतराल पर विकेट गिरने के कारण कप्तान मिताली पर बोझ काफी बढ़ जा रहा है, जिससे उनका खेल भी प्रभावित हो रहा है.
टीम के लिए सबसे अधिक चिंता का सबब उप कप्तान हरमनप्रीत कौर की लचर बल्लेबाजी है जिनके प्रदर्शन में पिछले चार साल से निरंतरता नहीं रही है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2017 विश्व कप में 171 रन की शानदार पारी के बाद वह सिर्फ दो मैचों ही अर्धशतक बना सकी हैं. इस दौरान उन्हें 28 मैचों में 22 बार बल्लेबाजी का मौका मिला है.
मिताली और जेमिमा रोड्रिग्स के अलावा पूनम राउत, दीप्ति शर्मा और तानिया भाटिया के पास बड़े शॉट खेलने की क्षमता नहीं होने के कारण सलामी बल्लेबाजों स्मृति मंधाना और 17 साल की शेफाली वर्मा पर बहुत दबाव बन रहा है.
भारत के लिए मिताली ने दोनों मैचों में अर्धशतक लगाये, लेकिन इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 60 के आस-पास रहा. भारतीय बल्लेबाजों के लिए खाली गेंदें भी बड़ी समस्या रही हैं. पहले मैच में टीम कैथरीन ब्रंट, आन्या श्रुबसोल, नैट साइवर, केट क्रॉस और सोफी एक्लेस्टोन के खिलाफ 50 ओवरों में 181 गेंदों पर एक भी रन नहीं बना सकी थी.
वहीं दूसरे वनडे में भी यही हाल था. शुरुआती ओवरों में शेफाली की 55 गेंद में 44 रन की पारी के बाद आखिरी ओवरों में झूलन गोस्वामी के बल्ले से निकले कुछ बडे शॉट के कारण टीम 220 रन के आंकड़े को पार करने में सफल रही.
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोच रमेश पोवार के पास हरमनप्रीत के खराब लय का कोई समाधान है और क्या उन्हें लगता है कि इस सीरीज़ के बाद उप कप्तान को टीम से बाहर करने या विश्राम देने की जरूरत है. राष्ट्रीय टीम सालों तक खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को टीम में बनाये नहीं रख सकती.
गेंदबाजी विभाग में पहले मैच की निराशा को पीछे छोड़ते हुए दूसरे वनडे में झूलन और लेग स्पिनर पूनम यादव दोनों ने ही अच्छा प्रदर्शन किया था. हालांकि, छोटे स्कोर के कारण भारतीय गेंदबाज हमेशा दबाव में रहे.
टीमें इस प्रकार हैं-
भारत: मिताली राज (कप्तान), स्मृति मंधाना, शैफाली वर्मा, पूनम राउत, हरमनप्रीत कौर (उप कप्तान), दीप्ति शर्मा, तानिया भाटिया (विकेटकीपर), स्नेह राणा, झूलन गोस्वामी, शिखा पांडे, जेमिमा रोड्रिग्स, अरुंधति रेड्डी, पूजा वस्त्राकर, एकता बिष्ट, राधा यादव, पूनम यादव, प्रिया पूनिया, इंद्राणी रॉय (विकेटकीपर).
इंग्लैंड: हीथर नाइट (कप्तान), टैमी ब्यूमोंट, केट क्रॉस, नैट साइवर, सोफिया डंकले, लॉरेन विनफील्ड-हिल, आन्या श्रबसोल, कैथरीन ब्रंट, सोफी एक्लेस्टोन, एमी जोन्स (विकेटकीपर), फ्रेया डेविस, टैश फारंट, सराह ग्लेन, मैडी विलियर्स, फ्रैन विल्सन, सारा ग्लेन, एमिली अर्लॉट.
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