इंग्लैंड और कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान इयोन मोर्गन भारतीय फैंस को लेकर किए गए विवादित ट्वीट की वजह से चर्चा में है. मोर्गन ने पूरे मामले पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए नस्लभेद के आरोपो को खारिज किया है. मोर्गन का कहना है कि उनके ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया है. 


इंग्लैंड क्रिकेट से जुड़े कई खिलाड़ी पिछले एक महीने से नस्लभेद के आरोपों से जूझ रहा है. इस विवाद की शुरुआत ओली रोबिनसन को 2012-13 में किए गए नस्लभेदी ट्वीट के वायपल होने से हुई. ईसीबी ने हालांकि रोबिनसन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट से निलबिंत कर दिया है.


लेकिन इस घटना के तुरंत बाद मोर्गन और विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर के ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. ये दोनों खिलाड़ी अपने ट्वीट में सर शब्द का इस्तेमाल करके भारतीयों का मजाक उड़ा रहे थे.


मोर्गन ने हालांकि श्रीलंका के खिलाफ शुरू हो रही लिमिटिड ओवर सीरीज से पहले इन बातों पर ध्यान नहीं देने का दावा किया है. मोर्गन ने सर शब्द को सम्मानजनक बताया है. इंग्लैंड के कप्तान ने कहा, ''अगर मैं सोशल मीडिया या दुनिया में कहीं भी किसी को सर कहता हूं तो यह सराहना या सम्मान का संकेत है.''


मोर्गन ने विवाद पर ध्यान नहीं देने का दावा किया


मोर्गन का दावा है कि उनके ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया है. मोर्गन ने कहा, ''अगर इसे तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है तो मैं इसे नियंत्रित नहीं कर सकता और ना ही इसके बारे में कुछ कर सकता हूं. इसलिए मैंने इस पर गौर नहीं किया.''


कोलकाता नाइट राइडर्स के मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम भी कथित तौर पर बाद में इस संवाद से जुड़ गए. केकेआर ने इस मामले में जांच की बात कही थी. इतना ही नहीं बीसीसीआई भी कह चुका है कि दोनों खिलाड़ियों को इस बात के लिए माफी मांगनी चाहिए.


बटलर और मोर्गन दोनों इंडियन प्रीमियर लीग में खेलते हैं. बटलर राजस्थान रॉयल्स के लिये खेलते हैं जबकि मोर्गन नाइट राइडर्स के कप्तान हैं.


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