एक्सप्लोरर
Advertisement
(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
PROFILE: स्केटिंग में मिले गोल्ड मेडल से लेकर क्रिकेट में एक ही ओवर में 6 छक्के जड़ने वाले 'सिक्सर किंग' युवराज की कहानी
युवराज सिंह के करियर में सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब 15 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पंजाब में सूकून भरी जिंदगी को छोड़कर अपने किटबैग के साथ लोकल ट्रेन में सफर करना शुरू कर दिया. साल 2013 में युवराज सिंह अपना फॉर्म बरकरार नहीं रख पाए और लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहे.
युवराज सिंह एक ऐसा नाम जिसे भारतीय क्रिकेट कभी भुला नहीं सकता. स्केटिंग पर पांव जमाकर गोल्ड मेडल जीतने वाले इस खिलाड़ी ने कभी नहीं सोचा होगा कि एक समय ऐसा भी आएगा जब ये आगे बढ़कर गेंदबाजों को छक्के मारेंगे. 3 अक्टूबर साल 2000 में केन्या के खिलाफ डेब्यू करने वाले युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में हुआ था. युवराज के लिए ये बात बिल्कुल सही बैठती है कि वो जितना लंबा और जितने बेहतरीन तरीके से गेंद को मारते हैं वैसा और कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं मार पाता.
युवराज के शुरूआती दिन
युवराज को लिमिटेड ओवर क्रिकेट के लिए जाना जाता था. स्क्वॉयर पर उनकी बेहतरीन फील्डिंग, मिडल ऑर्डर स्पेशलिस्ट, सिक्सर किंग, लेफ्ट ऑर्म स्पिन गेंदबाजी. ये खिलाड़ी क्या नहीं कर सकता था. युवराज के पास एक बेहतरीन क्रिकेटर बनने की ये सारी खूबियां पहले से ही मौजूद थी जिसे बाद में ये खिलाड़ी और मजबूत करता गया. लेकिन साल 2012 में हुए कैंसर ने इस क्रिकेटर का पूरा करियर हिला कर रख दिया.
युवराज के पिता योगराज जिन्होंने भारत के लिए सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला है वो युवराज सिंह के क्रिकेट करियर को लेकर शुरू से ही काफी सीरियस थे और इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिला, जब युवराज सिंह ने स्केटिंग में गोल्ड मेडल जीता था तो युवराज के पिता ने उसे छीनकर कार के बाहर फेंक दिया. उसी दिन ये तय हो गया था कि युवराज सिंह सिर्फ क्रिकेटर ही बनेगा. युवराज सिंह के करियर में सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब 15 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पंजाब में सुकून भरी जिंदगी को छोड़कर अपने किटबैग के साथ लोकल ट्रेन में सफर करना शुरू कर दिया. 18 साल की उम्र में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई अटैक का सामना करना शुरू कर दिया और इसका नतीजा ये हुआ की साल 2000 में उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी खेलने का मौका मिल गया.
लिमिटेड ओवर क्रिकेट के बादशाह
जल्द ही युवराज सिंह को मिडल ऑर्डर की जिम्मेदारी सौंप दी गई और इसका सबूत उन्होंने राहुल द्रविड़ और एमएस धोनी के साथ अहम साझेदारियां कर दीं. इसी दौरान युवराज सिंह का करियर हाइलाइट हुआ. हालांकि साल 2010 में उन्हें वनडे टीम से ड्रॉप कर दिया गया. युवराज सिंह के लिए ये ऐसा समय था जब उन्हें टीम इंडिया में अपनी जगह बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन साल 2011 वर्ल्ड कप कौन भूल सकता है जिसमें युवराज ने 362 रन, 15 विकेट और चार मैचों में मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड अपने नाम किया था. वहीं युवराज प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे थे. युवराज सिंह के इस दमदार प्रदर्शन ने उनके साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप जीत और 6 छक्के को भी आंखों से कुछ समय के लिए ओझल कर दिया था. हालांकि युवराज सिंह ने इसी दौरान इंग्लैंड के गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को एक ही ओवर में 6 छक्के मारकर इतिहास रच दिया था.
टेस्ट में युवराज का टेस्ट
युवराज सिंह ने साल 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था. हालांकि वो टेस्ट में ज्यादा कमाल नहीं कर पाए और सीम और स्विंग गेंदबाजी के आगे अक्सर नाकामयाब नजर आए. लेकिन लाहौर में तीन बेहतरीन इनिंग्स खेलने के बाद युवराज ने ये साबित किया कि वो टेस्ट में भी कमाल कर सकते हैं. युवराज ने पाकिस्तान के खिलाफ जहां 61 रन देकर 4 विकेट लिए थे तो वहीं चेन्नई में 387 रनों को चेस करते हुए नॉटआउट 85 रनों की पारी खेली थी. युवराज ने अपना आखिरी टेस्ट साल 2012 में खेला था.
जब कैंसर ने रोक दिया था युवराज का क्रिकेट करियर
साल 2011 युवराज सिंह के करियर का जहां सबसे बेहतरीन साल रहा है तो वहीं ये साल युवराज के करियर के लिए सबसे खराब भी है. कारण है वर्ल्ड कप जीत और फिर कैंसर. युवराज को इसी दौरान कैंसर हो गया था और फिर उन्हें इसके लिए अमेरिका जाना पड़ा. युवराज ने हार नहीं मानी और कैंसर को मात देकर क्रिकेट में वापसी की. साल 2012 में उन्होंने अपना कीमोथेरेपी पूरा किया और भारत लौटे और फिर अगस्त के महीने में वो वर्ल्ड टी20 में भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे.
खराब फॉर्म
साल 2013 में युवराज सिंह अपना फॉर्म बरकरार नहीं रख पाए और लगातार टीम से अंदर-बाहर होते रहे. लेकिन इस दौरान अक्टूबर के महीने में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 में 35 गेंदों में 77 रन मारकर उन्होंने अपने आप को एक बार फिर साबित किया . लेकिन लगातार रन नहीं बनाने के कारण उन्हें दक्षिण अफ्रीका दौरे से बाहर कर दिया गया.
टीम से अंदर बाहर होने के बावजूद युवराज सिंह आईपीएल में सबसे ज्यादा पैसों में खरीदे जाने वाले खिलाड़ी बने. उन्हें बैंगलोर ने साल 2014 में 14 करोड़ में टीम में लिया था. वहीं साल 2015 में उन्होंने एक और रिकॉर्ड बनाया जहां दिल्ली ने उन्हें 16 करोड़ रुपये में खरीदा. साल 2016 में वो हैदराबाद में 7 करोड़ रुपये में गए. लेकिन साल 2014 के वर्ल्ड टी20 में 21 गेंदों में 11 रन बनाने वाले युवराज के करियर पर सवाल उठने लगे और अंत में टीम श्रीलंका से हार गई. जिसके बाद युवराज पर रिटायरमेंट का दबाव बढ़ने लगा.
वापसी
साल 2016 में युवराज की एक बार फिर वापसी हुई और वर्ल्ड टी20 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेला. लेकिन वो चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए. उनके लिए ये टूर्नामेंट खास नहीं रहा था. युवराज ने इस दौरान 13 के एवरेज से 52 रन बनाए थे.
युवराज ने साल 2016-17 के रणजी सीजन में 84 के एवरेज के साथ कुल 672 रन बनाए थे और फिर टीम इंडिया में उनकी वापसी हुई और सेलेक्टर्स ने उन्हे मौका दिया. साल 2017 में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैच के लिए मौका दिया गया.
युवराज सिंह ने 10 जून 2019 को इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया था.
आंकड़े
टेस्ट- मैच 40- 1900 रन- 33.93 एवरेज- 3 शतक- 11 अर्धशतक
वनडे- मैच 304- 8701 रन- 36.56 एवरेज- 14 शतक- 52 अर्धशतक
टी20- मैच 58- 1177 रन- 28.02 एवरेज- 0 शतक- 8 अर्धशतक
आईपीएल- 132 मैच- 2750 रन- 24.77 एवरेज- 0 शतक- 13 अर्धशतक
करियर
टेस्ट डेब्यू- न्यूजीलैंड के खिलाफ- 16 अक्टूबर 2003
आखिरी टेस्ट- इंग्लैंड के खिलाफ- 5 दिसंबर 2012
वनडे डेब्यू- केन्या के खिलाफ- 3 अक्टूबर 2000
आखिरी वनडे- वेस्टइंडीज के खिलाफ- 30 जून 2017
टी20 डेब्यू- स्कॉटलैंड के खिलाफ- 13 सितंबर 2007
आखिरी टी20- इंग्लैंड के खिलाफ- 1 फरवरी 2017
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, स्पोर्ट्स और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
इंडिया
बॉलीवुड
क्रिकेट
Advertisement