देश के लिए नहीं मिल पा रहा था मौका तो विदेश पढ़ने गया और वहां जाकर बन गया राष्ट्रीय टीम का कप्तान. सुनने में ये बिल्कुल किसी फिल्मी कहानी जैसा लगता है लेकिन ऐसा है नहीं, क्योंकि ये कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि सच है.


मुंबई के 27 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ सौरभ नेत्रावलकर यूएस राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान बन गए हैं.


छह फुट लंबे इस तेज़ गेंदबाज़ ने मुंबई के लिए रणजी भी खेला है. जबकि साल 2010 के अंडर-19 विश्वकप में तो वो भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी थे. इस टूर्नामेंट में तो उन्होंने इंग्लैंड के कप्तान जो रूट और पाकिस्तान के बल्लेबाज़ अहमद शहज़ाद के विकेट भी चटकाए थे. लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि ये खिलाड़ी भारत में क्रिकेट छोड़ सीधा विदेश पहुंच गया.


अपने भविष्य को लेकर नहीं थे आश्वस्त:
सौरभ भारत में अपने क्रिकेटिंग भविष्य को लेकर आश्वस्त नहीं थे. ऐसे में उन्होंने पढ़ाई की ओर रुख करने का मन बनाया. टीओई से बात करते हुए सौरभ ने कहा कि उन्होंने क्रिकेट को पूरे 2 साल दिए लेकिन कुछ खास नहीं हुआ.


इसके बाद उन्होंने सरदार पटेल तकनीकि विश्वविघालय से इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट पूरा किया. इसके बाद उन्होंने GRE और TOEFL के एग्ज़ाम्स दिए और मास्टर्स की पढ़ाई के लिए कॉर्नेल चले गए. जहां पर उन्होंने एक बार फिर से क्रिकेट के मैदान पर वापसी का मन बनाया और यूएस में मिले मौके का फायदा उठाते हुए टीम के कप्तान बन गए.


सौरभ ने भारत में अपनी टीम मुंबई के लिए एकमात्र रणजी मुकाबला भी खेला है.