पल्लेकेले: टीम इंडिया के फील्डिंग को कोच आर. श्रीधर ने कहा कि दूसरे वनडे मैच में मध्यक्रम के बिखरने के बाद भी टूर्नामेंट के बाकी बचे मैचों में प्रयोग जारी रहेगा. पांच मैचों की इस सीरीज में भारतीय टीम 2-0 से आगे चल रही है. तीसरा मैच कल खेला जायेगा.


श्रीधर ने कहा, ‘‘हम हर मैच को इस तरह ले रहे कि उससे कुछ सीखकर अगले मैच और सीरीज में आगे जाए. पिछले मैच में हमारे साथ जो हुआ उससे टीम ने काफी कुछ सीखा. सीरीज शुरू होने के पहले ही हमें पता था कि अगले 18 महीने तक कुछ प्रयोग करना जारी रहेगा.’’


भारतीय टीम ने गुरुवार को पिछले मैच में 131 रन पर सात विकेट गंवाने के बाद मैच में शानदार तरीके से वापसी कर जीत दर्ज की. उन्होंने कहा, ‘‘अकिला धनंजय ने पिछले मैच में शानदार गेंदबाजी की. हम अपनी गलती से सीखकर आगे बढ़ रहे है और यह सुनिश्चित करेंगे की फिर से टीम ऐसी गलती नहीं करे. हम दूसरे खिलाड़ियों को भी मौका देना चाहते थे क्योंकि राहुल ने वनडे मैचों के मध्यक्रम में बल्लेबाजी नहीं की है इसलिये हम उसे वहां मौका देना चाहते थे. यह एक प्रयोग था जो आगे भी जारी रहेगा.’’


श्रीधर ने कहा, ‘‘ हम सभी खिलाड़ियों को अलग-अलग क्रम पर बल्लेबाजी कराना चाहते हैं ताकि हर खिलाड़ी से उनका बेहतरीन लिया जा सके. ’’ टीम का आज वैकल्पिक नेट सत्र था जिसमें पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के साथ कुछ अन्य खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया.


श्रीधर ने कहा, ‘‘ धोनी किसी भी मैच में जाने से पहले यह सुनिश्चित करते हैं कि वह पूरी तरह से तैयार हैं. एक पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर वह अपने शरीर को और उन्हें क्या करने की जरूरत है, अच्छी तरह जानते हैं. ’’ उन्होंने कहा कि दूसरे वनडे के दौरान चोटिल हुये हार्दिक पंड्या भी अब पूरी तरह उबर गये हैं और अगले मैच में चयन के लिये मौजूद रहेंगे.


फिटनेस को अहम पहलू मानने वाली भारतीय टीम सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक इकाई भी बनना चाहती है.


श्रीधर ने कहा, ‘‘ खिलाड़ियो में प्रेरणा की कोई कमी नहीं है, उनके लिये सबसे बड़ी प्रेरक बात यही है कि वे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. जहां तक विभिन्न फील्डिंग अभ्यासों का सवाल है तो यह खिलाड़ियों के काम के बोझ पर आधारित होता है. अगर कोई खिलाड़ी पांच या आठ मैच लगातार खेलता है तो उसके काम के बोझ पर हम काफी सतर्क रहते हैं. फील्डिंग अभ्यास को हम इसे इस तरह तैयार करते हैं कि जो खिलाड़ी मैच का हिस्सा नहीं है, उन्हें थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी होती हैं. ’’