इंटरनेशनल क्रिकटर्स के संघ फीका की तरफ से चौंकाने वाली शिकायत सामने आई है. पिछले 2 सालों में अलग अलग फ्रैंचाइज़ी लीग में 34 फीसदी खिलाड़ियों को अपने कॉन्ट्रैक्ट के पैसे नहीं मिले हैं. फीका यानी फेडरेशन ऑफ इन्टरनेशनल क्रिकटर्स एसोसिएशन ने खिलाड़ियो की ग्लोबल एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट पेश की है.


2 साल के बाद ये नई रिपोर्ट आई है. साल 2018 और 2019 के बीच यह रिपोर्ट तैयार की गई है. इस रिपोर्ट को 277 खिलाड़ियो से बात करके तैयार किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया की अलग अलग फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट लीग में 34 फीसदी खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट के पूरे पैसे नही दिया गया है या फिर समय पर उन्हें सैलरी नहीं मिली है.


फीका ने आईसीसी से इस बात की शिकायत दर्ज की है, क्योंकि जिन इवेंट्स में खिलाड़ियो को कॉन्ट्रैक्ट के पैसे नही दिए गए है उन टूर्नामेंट्स का आयोजन आईसीसी से मान्यता लेकर ही हो रहा है. फीका की रिपोर्ट में कनाडा की ग्लोबल टी20 लीग, बांग्लादेश प्रीमियर लीग, अबु धाबी टी10 , कतर टी10 , यूरो टी20 स्लैम और मास्टर्स चैंपियंस लीग का नाम शामिल है.


आईसीसी से मदद की उम्मीद


इसके अलावा इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ज़िम्बाब्वे में खिलाड़ियो को बोर्ड की तरफ से कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से पैसे नहीं दिया गए हैं. बांग्लादेश ने आईसीसी टूर्नामेंट की प्राइज मनी खिलाड़ियों को नहीं दी है.


फीका की तरफ से कहा गया है कि आईसीसी को इस मुद्दे पर खिलाड़ियो को मदद करनी चाहिए. बता दे कि फीका के अध्यक्ष इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी विक्रम सोलंकी हैं. खिलाड़ियो को कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से पैसे न दिए जाने की शिकायत पर जैसन होल्डर, मोर्गन और एरॉन फिंच जैसे खिलाड़ी फीका का समर्थन किया है.


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