नई दिल्ली: कोलकाता में टीम इंडिया अपना पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने जा रही है. इस मैच को लेकर भारत से लेकर बांग्लादेश तक सभी जगह उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है. इस मैच की तमाम जिम्मेदारी बीसीसीआई के नवनियुक्त अध्यक्ष सौरव गांगुली ने संभाल रखी है. इस मैच को लेकर सभी तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं.


गुलाबी गेंद से खेले जाने वाले इस मुकाबले को लेकर खास इंतजाम किए गए हैं. इस मैच को देखने के लिए गृहमंत्री अमित शाह, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आएंगी. साथ ही भारतीय टीम के कई दिग्गज खिलाड़ी जैसे सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड, अनिल कुंबले भी इस मैच के गवाह बनेंगे. वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस ऐतिहासिक मैच का शुभारंभ घंटी बाजकर करेंगी.


डे-नाइट टेस्ट मैच के फायदे


कोलकाता के ईडन गार्डन में होने वाले इस डे-नाइट मुकाबले को लेकर देशभर में उत्साह नजर आ रहा है. इससे टेस्ट मैच खोई हुई लोकप्रियता वापस मिलेगी. बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का मानना है कि टेस्ट मैच के पारंपरिक प्रारूप में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए टेस्ट क्रिकेट में बदलाव आएगा. एक समय था जब टेस्ट मैच को देखने के लिए भी दर्शकों की भारी भीड़ स्टेडियम में देखने को मिलती थी, लेकिन धीरे-धीरे पांच दिनों के टेस्ट मैच से लोगों की दिलचस्पी कम होने लगी जिसका असर मैदान पर भी देखने को मिला. वहीं अब टेस्ट मैच को डे-नाइट करने से टेस्ट मैच में लोगों की दिलचस्पी वापस बढ़ रही है. इसका अंदाजा इस से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार से कोलकाता में होने वाले इस टेस्ट मैच के चार दिनों की टिकट बिक चुकी हैं.


डे-नाइट टेस्ट मैच के नुकसान


जहां इस टेस्ट मैच के कई फायदे हैं तो खिलाड़ियों को इस मैच में कई नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं. डे-नाइट में होने वाले इस मुकाबले में रात को मौसम खराब होने की संभावना बनी रहेगी. रात को गेंदबाजों को बॉलिंग करने में भी दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है. रात को फील्ड पर ड्यू गिरती है जिससे फील्डिंग करने में भी परेशानी होगी. हालांकि मैच के दौरान स्टेडियम में अच्छी खासी रौशनी देखने को मिलेगी लेकिन कई बार रौशनी को लेकर समस्या हो सकती है.


स्पिन है बड़ी चिंता


इसके अलावा टीम को बॉल के कलर को लेकर भी चिंता है. अश्विन ने कहा है कि उन्हें नहीं मालूम यह पिंक बॉल है या ओरेंज. हालांकि बोर्ड के अधिकारियों ने दावा किया है कि बॉल को रिवर्स स्विंग करवाने में कोई परेशानी नहीं होगी. बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा था कि रिवर्स स्विंग में परेशानी ना हो, इसलिए बॉल की सिलाई हाथ से करवाई गई है.


पिंक बॉल बन सकती है भारतीय टीम के लिए बड़ी मुश्किल, सता रही है ये चिंता