तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में फिक्सिंग के आरोपों की जांच बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई कर रही है. इसी बीच लीग की गवर्निंग काउंसिल ने एक बयान जारी कर कहा है कि तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) की उन लोगों के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति है जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ आरोप साबित होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन पी.एस. रमन ने बयान में कहा, "मीडिया में टीएनपीएल-2019 में भ्रष्टाचार को लेकर जो आरोप सामने आए हैं उन्हें लेकर टीएनसीए यह साफ करना चाहती है कि टीएनपीएल अपने पहले संस्करण 2016 से ही भ्रष्टाचार रोधी कार्यक्रम को आईसीसी और बीसीसीआई के नियमों के हिसाब से मजबूती से चला रही है. इसमें भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी भी शामिल हैं जो टीमों पर और अधिकारियों पर नजर बनाए रखते हैं."

बयान के मुताबिक, "2019 में यह टूर्नामेंट बीसीसीआई के बदले हुए भ्रष्टाचार रोधी नियम के साथ काम कर रहा था जिसमें बीसीसीआई ने अपना अधिकारी नियुक्त किया था. टीएनपीएल में जब हमें कुछ गलत होने की सूचना मिली तो टीएनसीए ने अपनी एक जांच समिति का गठन किया. जब तक समिति आरोपों की जांच नहीं कर लेगी और अपनी रिपोर्ट नहीं दे देगी तब तक टीएनसीए इस मसले पर किसी तरह की टिप्पणी करने में असमर्थ है."

पत्र में आगे लिखा है, "टीएनसीए हालांकि अपने सभी हितधारकों को यह भरोसा दिलाना चाहती है कि उसकी भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस नीति है."