Ishan Kishan की कामयाबी में महेन्द्र सिंह का क्या है योगदान? सौरव गांगुली ने दिया जवाब
Ishan Kishan: सौरव गांगुली ने कहा कि महेन्द्र सिंह धोनी ने भारत के लिए कितने मैच खेले, इससे अहम यह है कि उन्होंने किस तरह भारतीय क्रिकेट पर अपनी अलग छाप छोड़ी.
Sourav Ganguly On MSD: सौरव गांगुली और महेन्द्र सिंह धोनी की गिनती टीम इंडिया के सबसे कामयाब कप्तानों में होती है. महेन्द्र सिंह धोनी ने साल 2004 में इंटरनेशनल डेब्यू किया था. उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली थे. महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप के अलावा वनडे वर्ल्ड कप 2011 और चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का खिताब अपने नाम किया. महेन्द्र सिंह झारखंड के रांची से तालुक्क रखते हैं. अब महेन्द्र सिंह धोनी के बाद रांची के ईशान किशन अपनी बल्लेबाजी से खासा प्रभावित करे रहे हैं.
'एमएस धोनी ने मैदान से बाहर अलग छाप छोड़ी'
बहरहाल, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर आप महेन्द्र सिंह धोनी की बात करें हैं तो इस बात का ज्यादा मतलब नहीं है कि उन्होंने भारत के लिए कितने मैच खेले, इससे अहम यह है कि उन्होंने किस तरह अपनी छाप छोड़ी. सौरव गांगुली कहते हैं कि महेन्द्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट को जितना दिया है, वह शानदार है, लेकिन इससे बड़ी बात है कि इस खिलाड़ी ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में भरोसा जगाया कि आप इंटरनेशनल क्रिकेट खेल सकते हैं.
'महेन्द्र सिंह धोनी ने छोटे शहरों के खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भरा'
सौरव गांगुली ने ईशान किशन का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि ईशान किशन की बल्लेबाजी में महेन्द्र सिंह धोनी की झलक देखने को मिलती है. ईशान किशन पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की तरह आक्रामक बल्लेबाजी करना पसंद करते हैं. सौरव गांगुली के मुताबिक, महेन्द्र सिंह धोनी ने भारत के छोटे शहरों के खिलाड़ियों पर अलग छाप छोड़ी. इसके बाद छोटे शहरों के खिलाड़ियों में आत्मविश्वास आया. साथ ही उन्होंने कहा कि आज जिस तरह ईशान किशन क्रिकेट खेल रहे हैं, इसमें महेन्द्र सिंह धोनी का अहम योगदान है.
ये भी पढ़ें-
Shahid Afridi: मैदान पर फिर से दिखा 'बूम-बूम' शाहिद अफरीदी का कमाल, फैंस ने कहा वापस आ जाओ
IND vs AUS Test Series: कैसी होनी चाहिए भारत की सलामी जोड़ी? हरभजन सिंह ने दिया यह जवाब