भारतीय फील्डरों ने एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के पहले दो दिन चार कैच छोड़े हैं. इस बीच एक टेस्ट में सर्वाधिक कैच लेने का रिकॉर्ड रखने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर यजुरविंद्र सिंह का कहना है कि भारतीय खिलाड़ी फील्डिंग को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.


इंग्लैंड की पारी के दौरान विकेटकीपर ऋषभ पंत, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन ने कैच छोड़े. पंत ने रोरी बर्न्‍स का, अश्विन ने बेन स्टोक्स का 31 पर, पुजारा ने स्टोक्स का और रोहित ने डोमिनीक बैस का कैच छोड़ा.


गौरतलब है कि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी भारतीय खिलाड़ियों ने कई आसान से कैच छोड़े थे, जिसे लेकर टीम इंडिया का आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.


1977 में बेंगलुरु में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट में सात कैच लेने का रिकॉर्ड रखने वाले यजुरविंद्र ने कहा, "आप इन छोड़े गए कैचों को कैसे समझाते हैं? शायद खिलाड़ी अभ्यास में पर्याप्त कैच नहीं ले रहे हैं. भारतीय टीम को पहले टेस्ट से पहले तीन दिन का अभ्यास करने को मिला और जो समय उन्हें अभ्यास के लिए मिला, शायद उनका ध्यान बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर था न कि क्षेत्ररक्षण या कैच लेने पर."


यजुरविंद्र का मानना है कि विशेषज्ञ फील्डरों को ही नजदीक में फील्डिंग करनी चाहिए. उन्होंने कहा, "पास में फील्डिंग के लिए बहुत अभ्यास की आवश्यकता होती है. जब रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे गैर-विशेषज्ञ पास में फील्ड करेंगे, तो कैसे? क्या आप उनसे कैच लेने की उम्मीद करते हैं? यह मजेदार था कि रहाणे, जो क्षेत्ररक्षण में माहिर हैं, बल्लेबाजों के करीब नहीं थे. खिलाड़ी फील्डिंग को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं."


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