राहुल द्रविड़ की गिनती न सिर्फ भारतीय क्रिकेट बल्कि विश्व क्रिकेट के भी महानतम खिलाड़ियों में होती है. टेस्ट और वनडे दोनों में द्रविड़ के नाम 10 हजार से ज्यादा रन हैं, लेकिन द्रविड़ की खासियत मुश्किल हालात में टीम को संभालना थी. कई मौकों पर द्रविड़ ने न सिर्फ टीम को हार से बचाते थे, बल्कि टीम को ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड जैसे देशों में जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की. द्रविड़ की इस काबिलियत को पूर्व पाकिस्तानी कप्तान राशिद लतीफ ने भी सबसे खास बताया है.

दबाव में किसी भी भारतीय बल्लेबाज से बेहतर थे द्रविड़

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने 1996 में टेस्ट क्रिकेट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था. उसके बाद से ही द्रविड़ भारतीय टीम का अटूट हिस्सा बन गए और सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली के साथ मिलकर क्रिकेट इतिहास की सबसे मजबूत बैटिंग लाइन-अप में से एक का हिस्सा बने.

यूट्यूब चैनल ‘कॉट बिहाइंड’ में इंटरव्यू के दौरान राशिद लतीफ ने द्रविड़ को ‘दीवार-ए-चीन’ बताया. लतीफ ने कहा, “राहुल द्रविड़ तकनीकी तौर पर, दबाव वाली स्थितियों में भारत के किसी भी बल्लेबाज से ज्यादा बेहतर थे, लेकिन तेंदुलकर की छाया के नीचे रहे.”

पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर लतीफ ने कहा कि राहुल द्रविड़ ने उस दौर में दबाव भरी परिस्थितियों में जिस तरह का प्रदर्शन किया था वैसा किसी ने भी नहीं किया.

द्रविड़ की सलाह से बदला यूनुस खान का करियर

लतीफ ने साथ ही युनुस खान का हवाला देते हुए कहा कि द्रविड़ ने उनका खेल सुधारने में भी मदद की. लतीफ ने कहा, “यूनुस खान उनके बारे में बताता है कि किस तरह द्रविड़ ने उनके करियर में मदद की, उन्हें गाइड किया. उनके करियर में जो बदलाव आया वो द्रविड़ की वजह से आया.”

लतीफ ने साथ ही कहा कि द्रविड़ का दिमाग क्रिकेट के मामले में बेहद शानदार है और वो भारत की अंडर-19 टीम को वर्ल्ड कप तक ले गए. उन्होंने कहा कि द्रविड़ का जन्म क्रिकेट खेलने के लिए ही हुआ.

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