अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से ही लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. दुनियाभर में भी अश्वेतों के खिलाफ होने वाले नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आवाज उठ रही है. खेल जगत भी इसमें आगे आया है. वहीं वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर डैरेन सैमी ने अब खुलासा किया है कि इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान उन्हें और श्रीलंकाई ऑलराउंडर थिसारा परेरा को लेकर भी नस्लीय शब्द का इस्तेमाल किया गया था जिसका मतलब उन्हें समझ आया है.


'अब समझ आया कालू का मतलब'

आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलने वाली डैरेन सैमी ने खुलासा किया है कि उन्हें लीग के दौरान ‘कालू’ कहा जाता था, लेकिन उस वक्त उन्हें इसका मतलब नहीं पता था. अब उन्हें समझ आया है कि ये उनके रंग को लेकर कहा जाता था.

वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में किया नस्लभेद का खुलासा

अपनी इंस्टाग्राम अकाउंट पर सैमी ने स्टोरी शेयर की जिसमें उन्होंने लिखा था, “मुझे अभी पता चला है कि उस ‘कालू’ का मतलब क्या है, मैं तब आईपीएल में सनराइजर्स के लिए खेल रहा था. वो मुझे और परेरा को इस नाम से बुलाते थे. मुझे लगता था इसका मतलब मजबूत घोड़ा होता है. मेरी पिछली पोस्ट में इसका कुछ और मतलब था और मैं बहुत गुस्से में हूं.”

क्रिकेट जगत को सैमी ने ललकारा

वेस्टइंडीज को दो बार वर्ल्ड टी20 चैंपियन बनाने वाले पूर्व कप्तान सैमी पिछले कुछ दिनों से लगातार क्रिकेट जगत को अश्वेतों पर अत्याचार के मामले में अपनी आवाज उठाने की मांग कर रहे हैं. सैमी ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल को भी इस मामले में अपनी रुख साफ करने को कहा था और कहा था कि अगर वो कुछ नहीं बोलते तो उन्हें भी दोषी माना जाएगा.

आईसीसी ने इसके बाद एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें वर्ल्ड कप 2019 फाइनल में इंग्लैंड क्रिकेट टीम की जीत और फिर उसके जश्न को दिखाया गया था. इसके साथ ही आईसीसी ने लिखा था, “बिना अनेकता के क्रिकेट कुछ नहीं है. बिना अनेकता के आपको पूरी तस्वीर नहीं दिखती.”

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