क्रिकेट के मैदान में अक्सर मैच के दौरान गेंदबाज और बल्लेबाजों के बीच न सिर्फ गेंद और बल्ले की जंग होती है, बल्कि जुबानी हमले भी जमकर होते हैं. क्रिकेट में अक्सर इसके लिए 'स्लेजिंग' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. यही स्लेजिंग कई बार सीमाओं को पार कर जाती है और खिलाड़ियों के बीच तनाव पैदा होता है. हालांकि वेस्टइंडीज के पूर्व महान गेंदबाज कर्टली एंब्रोस का मानना है कि स्लेजिंग के बजाए अपने प्रदर्शन से खिलाड़ियों को सामने वाले को परेशान करना चाहिए.
स्लेजिंग के बजाए गेंद से दिखाएं अपना दम
90 के दशक में वेस्टइंडीज और विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक एंब्रोस ने मैदान में गेंदबाजों की आक्रामकता को लेकर ये बात कही. एंब्रोस ने कहा, "अगर आप अपने काम में माहिर हो, तो आप साढ़े पांच औंस (क्रिकेट बॉल) को वो काम करने देते हो."
एंब्रोस ने कहा कि स्लेजिंग करना कभी भी वेस्टइंडीज का स्टाइल नहीं रहा. एंब्रोस ने कहा, "अगर आप स्लेजिंग करते रहोगे, तो शायद आप अच्छे (गेंदबाज) नहीं हो. ये वेस्टइंडीज का तरीका नहीं था. 90 मील की रफ्तार से आपकी ओर आने वाली बॉल ही काफी है." एंब्रोस ने ये बातें स्काई स्पोर्ट्स के एक पॉडकास्ट के दौरान कहीं.
आक्रामकता सिखाई नहीं जा सकती
वहीं एंब्रोस ने इस बात पर भी जोर दिया कि गेंदबाजों को आक्रामकता सिखाई नहीं जा सकती, क्योंकि ये अपने-आप में ही उनके अंदर रहती है. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता आप किसी गेंदबाज को आक्रामक होना सिखा सकते हो. ये आपके अंदर ही होनी चाहिए. आप कोशिश कर सकते हो, लेकिन अगर गेंदबाज में ये पहले से ही नहीं है तो इसका कोई फायदा नहीं होगा."
एंब्रोस ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैदान में मुकाबले के वक्त वो अपने आप में ही काफी आक्रामक रहते थे, इसलिए उनके लिए ये फायदेमंद रहा. एंब्रोस ने बताया कि वेस्टइंडीज के महानतम गेंदबाजों में से एक सर एंडी रॉबर्ट्स ने उन्हें एक सलाह दी थी. एंब्रोस ने बताया, "एक बात जो उन्होंने मुझे कही थी वो थी कि हमेशा आक्रामक रहो. हमेशा बल्लेबाज को परेशान करो. एक महान गेंदबाज से मिली ये सलाह हमेशा मेरे दिमाग में रही."
एंब्रोस ने वेस्टइंडीज के लिए 98 टेस्ट में 405 विकेट हासिल किए. इस दौरान उनका औसत 20.99 का रहा. वहीं 176 वनडे में उन्होंने 24.12 के औसत से 225 विकेट लिए. एंब्रोस ने एक और बेहतरीन तेज गेंदबाज कोर्टनी वॉल्श के साथ मिलकर शानदार जोड़ी बनाई और कई सालों तक बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द बने रहे.
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