पत्नी को शक के चक्कर में मारी 7 गोलियां, दुनिया का इकलौता क्रिकेट खिलाड़ी जिसे दी गई फांसी की सजा
वेस्टइंडीज टीम के पूर्व खिलाड़ी लेस्ली हिल्टन एक बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक माने जाते थे लेकिन उन्हें अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में 50 साल की उम्र में फांसी की सजा दे दी गई.
Leslie Hylton: किसी भी खेल में विवादों का सामने आना कोई नई बात नहीं है लेकिन जब किसी खिलाड़ी को कानूनी तौर पर सजा मिलती है तो वह काफी बड़ी खबर बन जाती है. क्रिकेट में मैदान पर खेल के दौरान खिलाड़ियों के बीच हुए विवाद के बाद उन्हें खेल के नियमों के अनुसार सजा भी मिली है, लेकिन वर्ल्ड क्रिकेट में एक खिलाड़ी ऐसा भी रहा है जिसने कानून अपने हाथ में लेते हुए हत्या कर दी और बाद में उसे फांसी की सजा मिली थी.
दरअसल वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी लेस्ली हिल्टन को उनकी पत्नी की हत्या करने के जुर्म में 50 साल की उम्र में फांसी दे दी गई थी. जमैका में साल 1905 में जन्म लेने वाले लेस्ली को यह नहीं पता था कि उनके पिता कौन हैं वहीं इसके बाद जब वह सिर्फ 3 साल के थे तो उनकी मां का भी निधन हो गया था. इसके बाद उनका शुरुआती जीवन काफी संघर्षमय रहा था. मां के निधन के बाद बहन ने उन्हें पाला लेकिन उनका भी निधन होने के बाद वह काफी टूट गए थे.
शुरुआती समय में लेस्ली हिल्टन ने मजदूरी करने के अलावा दर्जी का भी काम किया. वहीं एक लोकल क्लब में जब वह खेलने गए तो वहां पर उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से सभी काफी प्रभावित हुए थे. इसके बाद उन्हें साल 1935 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला. लेस्ली ने अपने क्रिकेट करियर में 6 टेस्ट मैच खेले जिसमें कुल 70 रन बनाने के साथ उन्होंने 16 विकेट भी हासिल किए.
पुलिसवाले की बेटी से प्यार फिर 7 गोली मारकर खत्म की दास्तान
लेस्ली हिल्टन को जमैका के एक पुलिसवाले की बेटी से प्यार हो गया था. इसके बाद साल 1942 में उन्होंने शादी कर ली. शुरुआती दौर में दोनों के बीच चीजें सामान्य चल रहीं थीं. इसके बाद साल 1954 में जब उनकी पत्नी किसी काम से न्यूयॉर्क गईं तो उन्हें एक चिट्ठी मिली. इसमें लेस्ली को पता चला कि उनकी पत्नी के किसी से नाजायज रिश्ते हैं.
इस चिट्ठी के बाद लेस्ली को लगातार अगले कुछ दिन लगातार ऐसी ही चिट्ठियां मिलने लगीं और एक दिन उन्हें जब पूरे मामले की सच्चाई पता चली तो उन्होंने अपनी पत्नी को 7 गोलियां मारकर उसकी हत्या कर दी. साल 1955 में लेस्ली को उनके इस कृत्य की वजह से फांसी की सजा दी गई.
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