इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए बड़ा खतरा है फ्रेंचाइजी लीग? फिर छिड़ी खिलाड़ियों के संन्यास की बहस
League Cricket: लीग क्रिकेट का विस्तार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए सबसे बड़ा खतरा है. हाल ही में साउथ अफ्रीका के ड्वेन प्रिटोरियस के अचानक रिटायरमेंट ने इस बहस को और हवा दी है.
Franchise Cricket: अब हर तरफ फ्रेंचाइजी क्रिकेट का बोलबाला है. जिसके चलते क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय क्रिेकट को छोड़ कर आर्कषक कैश रिच लीग में खेलना पसंद करते हैं. पूरे विश्व क्रिकेट पर नजर डाली जाए तो ऐसे अनेकों उदाहरण हैं जब क्रिकेटरों ने लीग क्रिकेट खेलने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया. ऐसे भी कई क्रिकेटर हैं जो अपनी देश के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलते हैं, लेकिन दुनियाभर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट में भाग लेते हैं.
साउथ अफ्रीका के ऑलराउंडर ड्वेन प्रिटोरियस ने 9 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. ऐसा कहा जा रहा है कि और यह हकीकत भी है कि उन्होंने लीग क्रिकेट को तरजीह देने के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया है. अंतरराष्ट्रीय क्रिेकट से उनके अचानक रिटायरमेंट के चलते फिर यह बहस छिड़ गई है कि फ्रेंचाइजी लीग इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए बड़ा खतरा है.
बोल्ट-नीशम बाहर
हाल ही में न्यूजीलैंड के फ्रंटलाइन बॉलर ट्रेंट बोल्ट ने कीवी टीम से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट अपने आप समाप्त कर दिया था. उन्होंने यह फैसला इसी साल अगस्त में लिया था. न्यूजीलैंड की टीम से वार्षिक अनुबंध से बाहर होने के बाद वह अपनी टीम के कुछ चुनिंदा सीरीज में ही खेले हैं. उसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के अलावा टी20 विश्व कप में अपनी टीम का प्रतिनिधित्व किया था. बोल्ट पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट और वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं हैं. इसी तरह ऑलराउंडर जेम्स नीशम भी न्यूजीलैंड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर हो गए. नीशम ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा कि वह लीग क्रिकेट को ज्यादा महत्व देंगे. ऐसे में संभव है कि वह अपने देश के लिए दोबारा नहीं खेल पाएंगे.
पोलार्ड-मोर्गन ने समय से पहले लिया संन्यास
वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान कायरन पोलार्ड ने भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट को महत्व देने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से समय से पहले संन्यास ले लिया. कुछ ऐसा ही हाल इंग्लैंड के वर्ल्ड कप विजेता कैप्टन इयोन मोर्गन का रहा. यह सही है कि दोनों क्रिकेटर रन बनाने के लिए जूझ रहे थे. लेकिन फॉर्म कभी स्थाई नहीं रहती है. दोनों क्रिकेटरों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़कर फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेलना जारी रखा है. मोर्गन इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद द हंड्रेड में शिरकत की थी. वहीं कायरन पोलार्ड कैरेबियन प्रीमियर लीग का हिस्सा थे.
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