Abdul Qayoom से लेकर Umran Malik तक, जम्मू-कश्मीर से निकले कई घातक तेज गेंदबाज
उमरान मलिक के आईपीएल और फिर टीम इंडिया में शामिल होने से जम्मू कश्मीर में क्रिकेट को काफी बढ़ावा मिला है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब घाटी से कोई घातक तेज गेंदबाज निकला है.
Jammu and Kashmir’s tribe of fast bowlers: एक समय पर दुनिया में पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों की तूती बोलती थी. पाकिस्तान से तो आए दिन एक से बढ़कर एक तेज गेंदबाज सामने आते रहते हैं, लेकिन मौजूदा वक्त में भारत से भी शानदार तेज गेंदबाज निकल रहे हैं.
भारत के मौजूदा तेज गेंदबाज स्पीड, स्विंग और लाइन लेंथ के मामले में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, जम्मू कश्मीर के तेज गेंदबाज उमरान मलिक का सटीक लाइन लेंथ के साथ 150 से ज्यादा की स्पीड से घातक तेज गेंदबाजी करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान की तरह जम्मू कश्मीर में भी तेज गेंदबाजों की खास नस्ल पाई जाती है.
जम्मू कश्मीर के क्रिकेट इतिहास से अच्छी तरह वाकिफ लोग जानते हैं कि मलिक राज्य के पहले गेंदबाज नहीं हैं जिनके पास आग जैसी गति है. 1980 और 1990 के दशक में अब्दुल कयूम को भी उनकी गेंदबाजी के लिए काफी तारीफ मिल रही थी. जब उन्होंने 1985-86 में सर्विसेज के खिलाफ डेब्यू मैच में 6 विकेट लेकर शानदार शुरुआत की, और फिर 17 साल तक जम्मू-कश्मीर के गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व किया. पंजाब के खिलाफ सात विकेट लेने के बाद उन्होंने जल्दी ही नॉर्थ क्षेत्र में प्रतिष्ठा हासिल कर ली.
जब पंजाब के खिलाफ कयूम ने अपनी दमदार स्पीड से सात विकेट लिए थे तो सामने नवजोत सिंह सिद्धू, विक्रम राठौर और गुरचरण सिंह जैसे दिग्गज थे. कयूम कहते हैं, ''मेरे पांच विकेट बाउंसर के साथ थे, जो धीरे-धीरे इंडियन एयरलाइंस में भारतीय क्रिकेट की क्रीम के साथ खेलने के अनुभव के साथ एक कुशल, नियंत्रित तेज गेंदबाज बन गए. कयूम कहते हैं, "मैं अपनी मर्जी से इनस्विंग और आउटस्विंग कर सकता था." बता दें कि कयूम ने 47 फर्स्ट क्लास मैचों में 147 विकेट चटकाए.
हालांकि, कयूम के दौर में इंडियन प्रीमियर लीग जैसा मंच नहीं था. शायद इसी वजह से वह टीम इंडिया के लिए नहीं खेल सके. आईपीएल की वजह से ही 21 साल के उमरान मलिक को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम में मौका मिला है.
यह भी पढ़ें..