Ruturaj Gaikwad: विजय हजारे ट्रॉफी 2022 (Vijay Hazare Trophy 2022) में महाराष्ट्र के बल्लेबाज़ ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) ने एक ओवर में 7 छक्के मारकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. महाराष्ट्र और यूपी के बीच खेले गए इस मैच के बाद ऋतुराज गायकवाड़ सुर्खियों में छा गए हैं. तो आइए जानते हैं ऋतुराज गायवाड़ के ज़ीरो से हीरो बनने की कहानी. आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलने वाले समाली बल्लेबाज़ में इस साल कई बदलाव देखे गए हैं.


चेन्नई में माइक हसी के हैं करीब


चेन्नई सुपर किंग्स में ऋतुराज गायवाड़ को अक्सर माइस हसी के साथ देखा जाता है. वो अक्सर हसी के साथ वक़्त गुज़ारते हुए दिखाई देते हैं. गायकवाड़ को हसी का खेल और गेमप्लान काफी अच्छा लगता है. चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए ऋतुराज गायकवाड़ ओरेंज कैप भी जीत चुके हैं.


माइक हसी और ऋतुराज दोनों में फर्क इतना है कि एक तरफ माइक हसी को फर्स्ट क्लास में करबी 10 साल खेलने के बाद इंटरनेशनल में डेब्यू किय था, दूसरी तरफ ऋतुराज गायकवाड़ पहले ही भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल और वनडे क्रिकेट खेल चुके हैं.


इस बार दिखाई दिया अलग रूप


पिछले साल के मुकाबले में इस बार ऋतुराज गायकवाड़ विजय हजारे ट्रॉफी में अलग ही रूप में दिखाई दिए हैं. इस बार की कुल आठ पारियों में उन्होंने अब तक 136 (112), 154 (143), 124 (129), 21 (18), 168 (132), 124 (123), 40 (42) और 220 रन (159) बनाए हैं.


गायकवाड़ ने किए कई बदलाव


महाराष्ट्र के खिलाड़ियों के बीच वे इस सीजन में एक अलग गायकवाड़ दिख रहे हैं. चाहे वह अपना अभ्यास कार्यक्रम तय करना हो या गेमप्लान. गायकवाड़ हर चीज़ की योजना बना रहे हैं. इतना कि कुछ खिलाड़ी उन्हें कभी-कभी कोच के रूप में दोगुना भी देखते हैं.


नियमित अभ्यास सत्र के बजाय मैचों की शुरुआत को ध्यान में रखते हुए गायकवाड़ ने समय में बदलाव किया. सत्र सुबह 7 बजे वार्म-अप के साथ शुरू होंगे और फिर मैच सिमुलेशन सुबह 8.30 बजे से शुरू होगा जो तीन घंटे तक चलेगा. सामान्य नेट सेशन शुरू होने से पहले डेढ़ घंटे का लंबा ब्रेक होगा. खिलाड़ियों को यह पसंद आने लगा.


निरंतरता रही है ताकत- कोच


उनके पर्सनल कोच मोहन जाधव ने गाडकवाड़ के बारे में बात करते हुए कहा, “स्कोर करना पड़ेगा. ऐज ग्रुप क्रिकेट से ही निरंतरता उसकी ताकत रही है. अगर आप 10 पारियां दोगे तो वह 6-7 पारियों में परफॉर्म करेगा. राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के बाद उन्हें अब केवल कुछ मैचों में निरंतरता की ज़रूरत है. इधर-उधर एक मैच नहीं. खिलाड़ियों को लगातार चुने जाने की ज़रूरत है और वे इसी तरह का प्रदर्शन करेंगे.”


उन्होंने आगे कहा, “मौका न मिलने से शिकायत करने या दुखी होने का कोई फायदा नहीं है. हर मैच में स्कोर करने का मौका होता है, सिर्फ लेवल बदलता है. और अगर आप हताश हो जाते हैं, तो आपके इससे दूर जाने की संभावना है. लड़का विनम्र है जटिल नहीं.


 


 


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