कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में क्रिकेट प्रभावित हुआ है. हालांकि इस दौरान खेल के मैदान से जुड़ी हुई हस्तियां ऐसे राज खोल रही हैं जो फैंस को मालूम नहीं है. इसके अलावा अलग-अलग मुद्दों पर खिलाड़ियों की राय भी सोशल मीडिया के जरिए सामने आ रही है. टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी गौतम गंभीर ने दावा किया है कि अगर डीआरएस का इस्तेमाल पहले से होता तो कुंबले टेस्ट क्रिकेट में कम से कम 900 विकेट लेते. इतना ही नहीं गंभीर ने यह भी दावा किया है कि डीआरएस की मदद से हरभजन भी टेस्ट क्रिकेट में अपने करियर का अंत 700 विकेट के साथ करते.


गंभीर का मानना है कि डीआरएस का भारतीय स्पिनर्स को खूब फायदा मिलता. बता दें कि अनिल कुबंले टेस्ट क्रिकेट में दुनिया तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. कुंबले के नाम टेस्ट में 619 विकेट हैं. हरभजन ने टेस्ट में भारत के लिए 417 विकेट लिए हैं.


गंभीर ने कहा, "डीआरएस के साथ कुंबले अपने करियर का अंत 900 से ज्यादा विकेट और हरभजन 700 से ज्यादा विकेट लेकर करते. यह दोनों कई बार फ्रंटफुट पर ही एलबीडब्ल्यू लेने से चूक गए थे. भज्जू पा ने केपटाउन में सात विकेट लिए थे. जरा सोचिए कि अगर विकेट स्पिनरों की मददगार होती तो विपक्षी टीम 100 रन भी नहीं बना पाती."


कुंबले को बताया सबसे बेहतरीन कप्तान


गंभीर ने कुछ वक्त पहले कुंबले की कप्तानी की तारीफ भी की थी. गंभीर ने कुंबले को गांगुली और धोनी से बेहतर कप्तान बताया था. गंभीर का कहना था कि जिन भी कप्तानों के अंडर में वह खेले हैं उनमें कुंबले सबसे लाजवाब थे.


गंभीर ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2008 में खेली गई सीरीज का जिक्र करते हुए कहा, "सहवाग और मैं डिनर कर रहे थे और तभी कुंबले आए और कहा कि तुम दोनों पूरी सीरीज में ओपनिंग करोगे चाहे कुछ भी हो. अगर तुम दोनों आठ बार बिना रन बनाए आउट हो भी जाते हो तो कुछ नहीं. मैंने अपने करियर में किसी से इस तरह के शब्द नहीं सुने. अगर मुझे किसी के लिए अपनी जिंदगी देनी पड़ी तो मैं अनिल कुंबले के लिए दूंगा. वो शब्द अभी भी मेरे दिल में हैं."


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