गुरमेहर कौर के समर्थन में खड़े हुए गंभीर, सहवाग के ट्वीट का दिया जवाब
नई दिल्ली: करगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर को लेकर जो विवाद खड़ा हुआ है वो थमने का नाम नहीं ले रहा है. क्रिकेट के मैदान पर कभी एक दूसरे के जोड़ीदार रहे टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर एक दूसरे के आमने सामने आ गए हैं.
दरअसल डीयू की लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ने वाली गुरमेहर ने रामजस कॉलेज में उठे विवाद के बाद फेसबुक पर एक तस्वीर शेयर की थी जिसमें लिखा था, ‘’मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं. मैं एबीवीपी से नहीं डरती. मैं अकेली नहीं हूं. भारत का हर छात्र मेरे साथ है.’’ #StudentAgainstABVP.
गुरमेहर की इसी पोस्ट के बाद से इस मामले ने तूल पकड़ लिया जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर रेप की धमकी दी जाने लगी. इतना ही नहीं गुरमेहर पर हमला बोलने के लिए उनका एक पुराना वीडियो भी सामने लाया गया, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति की अपील की थी. इस वीडियो में उन्होंने कहा था, ‘मेरे पापा को पाकिस्तान ने नहीं बल्कि युद्ध ने मारा है.’
इसके बाद वीरेंद्र सहवाग ने करगिल शहीद की बेटी की तर्ज पर अपनी एक तस्वीर ट्वीट की है. वीरू ने कागज हाथ में लेकर लगाई तस्वीर में लिखा है, 'दो तिहरा शतक मैंने नहीं बनाए,मेरे बल्ले ने बनाए'. सहवाग ने ट्वीट में यह भी है लिखा, 'बैट में है दम. #भारत_जैसी_जगह_नहीं.'
Bat me hai Dum !#BharatJaisiJagahNahi pic.twitter.com/BNaO1LBHLH
— Virender Sehwag (@virendersehwag) February 26, 2017
इस विवाद में अब टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर शामिल हो गए हैं और गुरमेहर कौर के समर्थन में आ खड़े हुए हैं. गंभीर ने सहवाग की तर्ज पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर गुरमेहर का समर्थन किया है.
The freedom of expression is absolute and equal for all!
High time we learnt that and practised it daily in every sphere of life. pic.twitter.com/iMfIanQyh1
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) March 1, 2017
मामले को तूल पकड़ते देख सहवाग ने ट्विटर पर सफाई दी है. सहवाग ने ट्वीट कर कहा, "सभी को बिना किसी डर और भय के अपने विचारों को अभिव्यक्त करने का अधिकार है. जाहे वो गुरमेहर कौर हो या फोगाट बहने.
Everyone has a right to express their views without being bullied or threatened. Gurmehar Kaur or the Phogat sisters.
— Virender Sehwag (@virendersehwag) March 1, 2017
दरअसल यह पूरा विवाद डीयू के रामजस कॉलेज के एक सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को बुलाने से जुड़ा है. देशविरोधी नारे लगाने के आरोपी उमर के साथ ही कन्हैया कुमार और अनिर्बान पिछले साल जेल गए थे. एबीवीपी के विरोध के बाद सेमिनार तो रद्द कर दिया गया लेकिन एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठन आमने-सामने आ गए थे.