वर्ल्ड कप 2019 के खत्म होते ही टेस्ट क्रिकेट को लेकर अभी तक कई पूर्व क्रिकेटर्स के बयान आ चुके हैं. जाहिर सी बात है ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि जब से एशेज सीरीज शुरू हुई है तब से लोगों के बीच टेस्ट क्रिकेट को लेकर उत्साह देखने लायक है. इंग्लैंड में ही वर्ल्ड कप 2019 का आयोजन किया गया जिसके ठीक बाद एशेज भी वहीं खेला जा रहा है. इस पर सौरव गांगुली से लेकर सचिन अपने अपने बयान दे चुके हैं कि कैसे ज्यादा से ज्यादा लोग टेस्ट क्रिकेट देखना पसंद कर रहे हैं और एशेज ही एक ऐसा टूर्नामेंट है जिसकी वजह से टेस्ट क्रिकेट को जिंदा रखा जा सकता है.


वहीं आईसीसी की तरफ से भी कोशिश देखने को मिल रही है जहां वर्ल्ड टेस्ट चैंपियशिप की शुरूआत की जा चुकी है. इसी को देखते हुए अब गौतम गंभीर ने भी अपना बयान दे दिया है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा है कि टी-20 के मौजूदा दौर में टेस्ट क्रिकेट को नई पीढ़ी के पास तक पहुंचना होगा और जरूरी मुद्दों पर ध्यान देना होगा. खेल के सबसे लंबे प्रारूप को रोचक बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की शुरुआत की है.

गंभीर ने अंग्रेजी अखबर टाइम्स ऑफ इंडिया के अपने कॉलम में लिखा है, "इसमें कोई शक नहीं है कि टेस्ट क्रिकेट को आज के टी-20 के युग में बने रहने के लिए समस्या का सामना करना पड़ रहा है. मैं परंपरावादी हूं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट को हजारों लोगों तक पहुंचने की जरूरत है. मुख्य मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिए."

भारत के लिए 58 टेस्ट खेलने वाले गंभीर ने कहा है कि आईसीसी को टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली गेंदों पर भी ध्यान देना चाहिए.

उन्होंने कहा, "मैं इस संबंध में वित्तीय मजबूरियों को समझता हूं लेकिन कई तरह की चीजों के साथ समान में बने रहना अजीब है. हो सकता है कि आईसीसी टेस्ट क्रिकेट में इस्तेमाल की जाने वाली गेंदों को लेकर कोई तय पैमाना बनाए."