नई दिल्ली: टीम इंडिया से इन दिनों बाहर चल रहे स्टार बल्लेबाज गौतम गंभीर अपने सामाजिक कामों को लेकर अक्सर खबरों में रहते हैं. गंभीर अपनी बेबाक टिप्पणियों को लेकर भी कई बार सुर्खियां बटोर चुके हैं, लेकिन इस बार अपने एक ट्वीट में उन्होंने जो सवाल किया है उसका जवाब शायद ही कोई दे पाए.


अभी दो दिनों पहले ही गौतम गंभीर ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए एक बच्ची की तस्वीर शेयर की और साथ में एक ऐसा सवाल किया जिसका जवाब देश 70 सालों से नहीं दे सका है.


गंभीर ने गुरबत की मार झेल रहे एक बच्चे की तस्वीर पोस्ट कर लिखा, “आजादी के सत्तर साल बाद भी मैं अपने इस छोटे दोस्त के लिए जवाब तलाश कर रहा हूं. कोई सुझाव है क्या ?” गंभीर ने दरअसल उन सभी लोगों से सवाल किया है जो 70 सालों तक देश चलाते रहे, लेकिन गरीबी नाम के इस दीमक को अब तक खत्म नहीं कर पाएं हैं.




गंभीर ने जो तस्वीर शेयर की है उसमें एक शेर भी लिखा है. शेर है, “हम तेरे लिए कुछ नहीं कर सकते ऐ दोस्त, हमें अभी और मंदीर और मस्जिद बनाने हैं !” गंभीर ने अपने इस ट्वीट में आजादी के 70 सालों के बाद भी भारत की तस्वीर कैसी है उसे दिखाने की कोशिश की है.


गंभीर का ये तंज़िया लहज़ा वाकई सोचने पर मजबूर करता है. लोग मंदिर और मस्जिद बनाने में इस तरह मशगूल हो गए हैं, कि देश में गरीब सालों से दाने-दाने को तरस रहा, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं.


क्रिकेटर ने भले ही एक ट्वीट किया है, लेकिन इसे महज एक ट्वीट समझना हम सब की नासमझी होगी. ट्वीट में जो सवाल है उसका जवाब अगर हम 70 सालों में भी नहीं ढूंढ पाएं हैं, तो उसके पीछे की वजहों पर हम सभी को गौर करना चाहिए. ट्वीट की गई तस्वीर भारत की वो शक्ल दिखा रहा है जो हमने ही बनाई है. हम दूसरे कामों में इस तरह खो गए हैं कि असली हिंदुस्तान हम देख ही नहीं पा रहे.