30 मीटर पीछे खड़ा था कीपर, फिर बाउंसर पे बाउंसर; गौतम गंभीर ने बताया कितनी घातक थी शोएब अख्तर की गेंदबाजी
Gautam Gambhir: गौतम गंभीर और पाकिस्तानी क्रिकेटरों की अक्सर मैदान पर तू-तू, मैं-मैं होती रही है. मगर देखिए कैसे गंभीर ने शोएब अख्तर की गेंदबाजी की खुलकर तारीफ की है.
Gautam Gambhir: भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर अपने तीखे बयानों के कारण अक्सर चर्चाओं में घिरे रहते हैं. पाकिस्तानी क्रिकेटरों के साथ उनकी अक्सर मैदान पर बहस हो जाती थी. आक्रामक तेवरों के कारण अक्सर लोग गंभीर को ट्रोल करने लगते हैं, लेकिन गंभीर क्रिकेट के खेल से अच्छी तरह वाकिफ हैं. वो जानते हैं कि उन्हें कितने महान क्रिकेटरों के साथ खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. गंभीर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में 240 से अधिक मैच खेलते हुए 10 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं. काफी समय उन्होंने शोएब अख्तर की तारीफों के पुल बांधे थे.
'शोएब अख्तर अपने मूड में हो तो...'
शोएब अख्तर वही गेंदबाज हैं, जिन्होंने साल 2003 में इंग्लैंड के खिलाफ 161.3 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंद फेंकी थी. गौतम गंभीर बताते हैं कि उन्होंने अपने करियर में ब्रेट ली, शॉन टेट और मिचेल जॉनसन जैसे महान तेज गेंदबाजों को खेला, लेकिन उनमें अख्तर सबसे तेज और घातक रहे. गंभीर ने कहा कि अगर अख्तर अपने मूड में हों तो 2-3 ओवर के स्पेल में मैच का रुख बदल सकते हैं.
मोहाली में हुए एक मैच का जिक्र करते हुए गंभीर ने बताया, "शोएब अख्तर ने उस मैच में सौरव गांगुली को पहले ओवर में आउट कर दिया था. मैं और सचिन तेंदुलकर क्रीज़ पर थे और उन दिनों विकेट बहुत तेज हुआ करता था, जिसके कारण 4-5 बाउंसर गेंद कीपर के सिर के ऊपर से चौके पर चली गई थीं. अख्तर ने कामरान अकमल को 30-यार्ड सर्कल से भी पीछे खड़ा कर दिया था. मैं और सचिन भाई बात कर रहे थे कि गेंद खाली छोड़ने पर भी हम सिंगल रन भाग सकते हैं. सोचिए कामरान अकमल इतना पीछे खड़े थे, फिर भी उनके सिर के ऊपर से चौके चले गए थे. शोएब अपने मूड में होते तो सच में बहुत घातक सिद्ध होते थे."
खराब फिटनेस ने किया था करियर का अंत
शोएब अख्तर बहुत दूर से भाग कर आते और बहुत तेजी से गेंद फेंका करते थे. इसी घातक गेंदबाजी के दम पर उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान के लिए तीनों फॉर्मेट में 444 विकेट चटकाए, लेकिन उनका करियर चोटों से घिरा रहा. अख्तर खुद बताते हैं कि एक समय के बाद उनके घुटने जवाब देने लगे थे. अख्तर बता चुके हैं कि वो अगर अपने करियर में फिट रहे होते तो इतिहास के सबसे महान गेंदबाज बन चुके होते.
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