भारत में टेस्ट मैच के दौरान ज्यादातर मैदानों पर पिच स्पिन गेंदबाजी के अनूकूल होती है. ऐसा बेहद कम होता है जब यहां किसी पिच से तेज गेंदबाजों को मन मुताबिक मदद मिलती हो. लेकिन भारत के पूर्व महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर के अनुसार भारत में एक समय चेन्नई के मैदान की पिच ऐसी थी जो तेज गेंदबाजों के लिए जन्नत थी. साथ ही कहा कि भारत में उन्होंने जिन मैदानों में बल्लेबाजी की है उनमें से यहां की पिच पर बल्लेबाजी करना सबसे ज्यादा मुश्किल था. 


अपने टेस्ट करियर में 10,000 से ज्यादा रन बनाने वाले गावस्कर ने कहा, "साल 1978 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए टेस्ट मैच की पिच ऐसी थी जहां मुझे बल्लेबाजी करने में बेहद मुश्किल हुई. मैंने वेस्टइंडीज के सबीना पार्क में बल्लेबाजी की है जहां गेंद लगातार आपके सर के ऊपर से उड़ती हुई निकलती थी. ऑस्ट्रेलिया की तेज उछाल वाली पर्थ की पिच और गाबा जहां गेंद बेहद तेज गति से आपकी ओर आती है पर भी मैंने बल्लेबाजी की है. लेकिन चेन्नई की वो पिच ऐसी सबसे तेज पिच थी जहां पर मैंने बल्लेबाजी की है."


थॉमसन के खिलाफ बल्लेबाजी करने से भी ज्यादा मुश्किल था यहां खेलना 


गावस्कर ने अपने करियर के दौरान तेज गेंदबाजों के लिए मुफीद दुनिया भर के मैदानों पर बल्लेबाजी की है. इनमें ब्रिसबेन, जमैका और पर्थ की तेज तर्रार पिच भी शामिल हैं. हालांकि गावस्कर के अनुसार इनमें से कोई भी 1978 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए मुकाबले में चेन्नई की पिच जितनी खतरनाक नहीं थी. उन्होंने कहा, "मैंने सिडनी की भरपूर नमी वाली पिच पर ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज जेफ थॉमसन की आग उगलती गेंदों का भी सामना किया है. लेकिन चेन्नई की वो पिच उस से भी खतरनाक थी. इस पिच पर गेंद लगातार तेजी से शरीर पर उड़ती आ रही थी. मैंने अपने करियर में जिन पिचों पर बल्लेबाजी की है ये उनमें से सबसे ज्यादा मुश्किल थी."


गैरी सोबर्स को बताया सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर 


भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज के महान क्रिकेटर सर गार्फ़ील्ड सोबर्स को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर बताया. उन्होंने कहा, "मेरी नजर में सोबर्स दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर थे. वो किसी भी वक्त गेंद या बल्ले से मैच कि रूख पलटने का दमखम रखते थे. यहीं नहीं फ़ील्डिंग के दौरान भी वो शानदार कैच लपक कर मैच का रूख पलटने में माहिर थे. उनके खेल का गेम पर बेहद जबर्दस्त असर पड़ता था और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से कई मैचों में अपनी टीम को अकेले दम पर जीत दिलाई थी. यहीं वजह है कि मैं उन्हें दुनिया का अब तक का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर मानता हूं."


यह भी पढ़ें 


WTC फाइनल को लेकर रॉस टेलर ने कहा- चयनकर्ताओं के पास पर्याप्त विकल्प मौजूद


चयनकर्ताओं की बार-बार अनदेखी पर उनादकट ने कहा, हार नहीं मानूंगा, टीम में जगह नहीं मिलने का पछतावा नहीं