NZ vs AFG Greater Noida Stadium: न्यूजीलैंड और अफगानिस्तान टेस्ट मैच की मेजबानी करने वाला ग्रेटर नोएडा स्टेडियम गलत कारणों से चर्चा में बना हुआ है. दोनों टीमों के बीच महज एक ही टेस्ट मैच खेला जाना है, लेकिन उसे होस्ट करने में भी नोएडा के स्टेडियम मैनेजमेंट की जैसे कमर टूट गई है. गौर करें तो इस स्टेडियम का इतिहास बहुत खराब रहा है और इसे प्रतिबंध भी झेलना पड़ चुका है.
ग्रेटर नोएडा के इस स्टेडियम को 2016 में आईसीसी ने अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने की अनुमति दी थी. उस समय इसे अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का होम ग्राउंड नियुक्त किया गया था. 2017 में इसने अफगानिस्तान बनाम आयरलैंड की पांच वनडे मैचों की सीरीज को होस्ट किया और उसके बाद भी कई इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी की.
झेलना पड़ा बैन
इस बीच 2017 में एक प्राइवेट लीग के दौरान हुई मैच फिक्सिंग के कारण BCCI की एंटी करप्शन यूनिट ने इस स्टेडियम पर बैन लगा दिया था. उसके बाद BCCI द्वारा आयोजित कोई इवेंट या मैच इस स्टेडियम में नहीं करवाया गया है. मगर ICC द्वारा स्वीकृत स्टेडियम होने के चलते ग्रेटर नोएडा के मैदान में अफगानिस्तान के मैच होते रहे.
बैन के बावजूद नोएडा में क्यों हुआ मैच?
दरअसल जब अफगानिस्तान बनाम न्यूजीलैंड टेस्ट मैच की पुष्टि हुई, तब अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपना मैच लखनऊ या देहरादून में करवाए जाने की मांग की थी. चूंकि भारत में इस समय डोमेस्टिक सीजन शुरू हो गया है और कई टी20 लीग खेले जाने के कारण लखनऊ और देहरादून के स्टेडियम में पहले ही मैच तय किए जा चुके थे. इस कारण मजबूरन अफगानिस्तान के मैच के लिए नोएडा ही आखिरी विकल्प बचा था.
अफगानिस्तान को दिए गए थे 3 होम ग्राउंड
अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद वहां क्रिकेट के हालात कुछ खास अच्छे नहीं हैं. वहीं महिलाओं के हक छीनने का हवाला देकर कई देश अफगानिस्तान के साथ सीरीज खेलने से इनकार कर चुके हैं. ऐसे में AFG की गुहार के बाद BCCI ने इसी साल नोएडा, लखनऊ और कानपुर को अफगानिस्तान टीम का होम ग्राउंड घोषित किया था.
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