सौरव गांगुली के खिलाफ ग्रेग चैपल ने फिर उगला ज़हर, द्रविड़ को लेकर दिया बड़ा बयान
पूर्व भारतीय कोच ग्रेग चैपल ने कहा कि सौरव गांगुली टीम में सुधार नहीं चाहते थे. वह हर हाल में बस कप्तान बने रहना चाहते थे.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बीच विवाद जगज़ाहिर है. चैपल अक्सर अपने शब्दों के बाण से दादा पर हमला करते रहते हैं. हालांकि, दादा ज्यादातर उनको जवाब ना देना ही ठीक समझते हैं. अब एक बार फिर चैपल ने गांगुली के खिलाफ ज़हर उगला है. दरअसल, भारत के महानतम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली को चैपल ने मतलबी कप्तान बोला है.
चैपल ने गांगुली पर हमला बोलते हुए कहा कि वह टीम में कभी सुधार नहीं चाहते थे. उन्हें सिर्फ अपने कप्तान बने रहने से मतलब था. हालांकि, चैपल ने यह भी कहा कि गांगुली की बदौलत ही उन्हें टीम इंडिया का कोच बनाया गया था.
क्रिकेट लाइफ स्टोरीज पोडकास्ट से बातचीत में चैपल ने कहा, "सौरव बेहद मतलबी थे. उन्हें सिर्फ अपनी कप्तानी से मतलब था. मेरे भारत में दो साल काफी चुनौतीपूर्ण रहे. थोड़ी दिक्कत गांगुली के कप्तान होने से थी. गांगुली कभी मेहनत नहीं करना चाहते थे. वह अपने खेल में सुधार भी नहीं करना चाहते थे. बस वह सिर्फ खेल को अपने तरीके से चलाना चाहते थे."
चैपल ने आगे कहा, "गांगुली ने ही मुझसे भारत को कोच बनने के लिए संपर्क किया था. उस समय जॉन बुकानन ऑस्ट्रेलिया के कोच थे, तभी मैंने क्रिकेट प्रेमी देश का कोच बनने का ऑफर स्वीकार किया. वह मौका मुझे गांगुली की वजह से ही मिला."
बता दें कि ग्रेग चैपल 2005 से 2007 के बीच टीम इंडिया के हेड कोच रहे थे. उनकी कोचिंग में ही भारतीय टीम 2007 वनडे विश्व कप के पहले राउंड में बाहर हो गई थी. यहां तक कि टीम इंडिया को बांग्लादेश के हाथों भी हार का सामना करना पड़ा था.
वहीं चैपल ने द्रविड़ को लेकर कहा, "वास्तव में राहुल द्रविड़ भारत को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाना चाहते थे. लेकिन टीम में सभी की एक जैसी सोच नहीं थी. लेकिन दूसरे सीनियर खिलाड़ी बस टीम में अपनी जगह बने रहने पर ध्यान दे रहे थे. मैं टीम में कुछ चीजों को बदलना चाहता था जो मेरा काम भी था. लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया."