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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट को दुनिया का सिरमौर बनाने वाले दुनिया के सफलतम कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धौनी ने बुधवार को एकदिवसीय और टी-20 टीमों की कप्तानी से भी हटने की घोषणा कर दी. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसकी घोषणा की.



 



धौनी इंग्लैंड के खिलाफ आगामी एकदिवसीय और टी-20 श्रृंखलाओं में टीम की कमान नहीं संभालेंगे, हालांकि वह टीम में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे.



 



लेकिन क्रिकइंफो के मुताबिक कप्तानी छोड़ने के इस बड़े फैसले से पहले धोनी नागपुर में झारखंड की रणजी टीम के साथ थे और वो अपने प्ले सेटशन पर फीफा फुटबॉल गेम खेल रहे थे. लेकिन वो इतने सामान्य थे कि किसी को भी इस खबर की भनक तक नहीं लगी. बुधवार को गुजरात से रणजी के सेमीफाइनल मैच में हारने के बाद धोनी ने अपने रूम में गेट टू गेदर पार्टी का भी आयोजन किया. जिसमें उन्होंने झारखंड टीम के अपने साथी खिलाड़ियों के लिए लंच भी रखा लेकिन इसके बाद भी वो बेहद साधारण नज़र आए और इस तरह वहां से चल दिए जैसे सबसे कुछ सामान्य हो. 



 



कुछ खबरों के मुताबिक इसके बाद उन्होंने टीम मेंबर्स के साथ सेल्फी भी ली और उनके कप्तानी से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए. 



 



धौनी भारत के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के सभी आयोजनों में टीम को जीत दिलाई है. धौनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी-20 विश्व कप और 2011 में 50 ओवरों के विश्व कप का खिताब हासिल कर इतिहास रचा, और 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाया.



 



धौनी की अगुआई में भारत पहली बार टेस्ट में नंबर-1 की कुर्सी पर बैठा.



 



एकदिवसीय में धौनी ने कुल 199 मैचों में टीम का नेतृत्व किया. दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले धौनी ने टीम को कप्तान रहते कुल 110 मैचों में जीत दिलाई जबकि 74 मुकाबलों में उन्हें हार मिली. चार मुकाबले टाई और 11 मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला. कप्तान रहते हुए एक बल्लेबाज के तौर पर भी धौनी कामयाब रहे. उन्होंने कप्तान रहते एकदिवसीय में 54 का औसत और 86 के स्ट्राइक रेट से 6,683 रन बनाए.