क्रिकेट इतिहास में 11 अप्रैल को काला दिन के तौर पर याद किया जाता है. 11 अप्रैल 2000 को दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए ने फिक्सिंग के आरोपों को स्वीकार किया था. हालांकि फिक्सिंग के आरोप कबूलने से पहले क्रोनिए ने अफ्रीका के सबसे कामयाब कप्तान के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी. लेकिन फिक्सिंग की गलती ने उनके पूरे क्रिकेट करियर को तबाह कर दिया. फिक्सिंग के आरोप कबूलने के दो साल बाद क्रोनिए की विमान हादसे में मौत हो गई.
क्रोनिए ने अपने क्रिकेट करियर में 68 टेस्ट मैच और 188 वनडे मैच खेले. लेकिन सात अप्रैल 2000 को ही उनके करियर के खत्म होने की कहानी लिखी जा चुकी थी. क्रोनिए के तार संजय चावला से जुड़े पाए गए जो कि फिक्सिंग सिंडिकेट थे. उन दोनों की बातचीत बाहर आने के बाद ही फिक्सिंग से पर्दा उठा. हालांकि तीन अन्य खिलाड़ियों, हर्शल गिब्स, निकी बोए और पीटर स्ट्राडम के नाम भी मैच फिक्सिंग में सामने आए.
11 अप्रैल को रात तीन बजे क्रोनिए ने अपनी गलती स्वीकार की थी. क्रोनिए ने उस समय के क्रिकेट अफ्रीका के डायरेक्ट अली को रात तीन बजे फोन करके बताया कि उन्होंने मैच फिक्सिंग की है. इसके तुरंत बाद क्रोनिए का क्रिकेट करियर खत्म हो गया.
क्रोनिए ने टेस्ट क्रिकेट में 68 मैच खेलते हुए 3714 रन बनाए थे, जबकि 43 विकेट लेने में भी कामयाब रहे. इसी तरह वनडे क्रिकेट में उन्होंने 188 मैच खेलते हुए 5565 रन बनाए और साथ ही 114 विकेट भी झटके. लेकिन फिक्सिंग के आरोप कबूलने के बाद क्रोनिए पर लाइफटाइन बैन लग गया था. उन्होंने इस बैन के खिलाफ अपील भी की थी जिसे खारिज कर दिया गया.
सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे
क्रोनिए ने पहली बार 1994 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में टीम की कमान संभाली. क्रोनिए की कप्तानी में अफ्रीकी टीम 138 में से 99 मैचों में जीत दर्ज करने में कामयाब रही. एक जून 2002 को क्रोनिए विमान हादसे का शिकार हुए और उसी हादसे में उनकी मौत हो गई.
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