कोरोना वायरस की वजह से क्रिकेट थमा हुआ है, लेकिन ऐसे समय में क्रिकेट से जुड़े हुए बड़े विवादों से भी पर्दा उठ रहा है. साल 2000 में क्रिकेट की दुनिया से जुड़ा हुआ फिक्सिंग का बड़ा मामला सामने आया था. हालांकि उससे पहले 1999 में इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप में भी भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए मैच में भी एक बड़ा विवाद देखने को मिला था.


1999 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका टीम के कोच बॉब वूल्मर थे. वूल्मर ऐसा तरीका खोज रहे थे जिससे मैदान पर मैच के दौरान वो अपने खिलाड़ियो से बात कर पाएं. वूल्मर ने खिलाड़ियों को एक यंत्र पहनाने की योजना बनाई. अफ्रीकी टीम के कप्तान हैंसी क्रोनिए और तेज गेंदबाज एलेन डोनाल्ड ईयरपीस के साथ क्रिकेट के मैदान पर पहुंच गए थे.


टीम इंडिया की ओर से सौरव गांगुली को इस मैच के जरिए पहली बार वर्ल्ड कप में खेलने का मौका मिला. सौरव गांगुली ने मैच की शुरुआत में ही भांप लिया कि क्रोनिए कुछ गड़बड़ कर रहे हैं. गांगुली ने मैदान पर महसूस किया कि क्रोनिए किसी से बाते कर रहे हैं. गांगुली ने इस बात की शिकायत मैदान पर मौजूद अंपायर्स डेविड शेपर्ड और स्टीव बकनर से की.


हटाने पड़े थे ईयरपीस


गांगुली की शिकायत के बाद क्रोनिए को अंपायर्स ने अपने पास बुलाया. अंपायर्स ने देखा कि क्रोनिए ने काम में ईयरपीस पहना हुआ. पकड़े जाने पर क्रोनिए ने बताया कि वह अपने कोच से बात कर रहे थे. हालांकि क्रिकेट के मैदान पर इस तरह से कोच से बात करने को लेकर कोई नियम नहीं था. इसके बाद यह मामला मैच के रेफरी तालत अली के पास पहुंचा.


मैच रेफरी ने तुरंत क्रोनिए और डोनाल्ड को ईयरपीस हटाने का आदेश दिया. हालांकि अफ्रीकी टीम इस मैच में चार विकेट से जीत दर्ज करने में कामयाब रही. लेकिन दक्षिण अफ्रीका टीम की इस हरकर की काफी आलोचना हुआ.


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