केनिंग्सटन ओवल में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे आखिरी टेस्ट के तीसरे दिन इंग्लैंड की टीम मजबूत स्थिती में पहुंच गई है. इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 114 रन बनाकर कुल 154 रनों की बढ़त हासिल कर ली है. एक वक्त ऐसा भी था जब भारतीय बल्लेबाज़ पहली पारी में बहुत कम स्कोर पर ढेर हो सकते थे और इंग्लैंड की ये बढ़त और भी अधिक होती.
लेकिन टीम के दो ऐसे खिलाड़ियों ने टीम इंडिया को मुश्किल से उबारा जिन्हें इस सीरीज़ में पहली बार खेलने का मौका मिला. जी हां, हम बात कर रहे हैं रविन्द्र जडेजा और हनुमा विहारी. इन दोनों बल्लेबाज़ों ने अर्धशतक लगाकर इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर बहुत बड़ी बढ़त लेने से रोका.
इस दौरान टीम इंडिया के लिए अपना पहला मैच खेल रहे हनुमा विहारी ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए अपने पहले टेस्ट की पहली पारी में ही अर्धशतक जड़कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया.
हनुमा अपने पहले टेस्ट की पहली पारी में अर्धशतक लगाने वाले भारत के 26वें बल्लेबाज़ बन गए हैं. उनसे पहले ये कारनामा आखिरी बार अपनी पहली टेस्ट पारी में हार्दिक पांड्या ने किया था.
इतना ही नहीं वो इंग्लैंड की ज़मीं पर भी अपनी पहली पारी में ही अर्धशतक जमाने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं. इससे पहले रूसी मोदी(1946 में 57* रन), सौरव गांगुली(1996 में 131 रन) और राहुल द्रविड़(1996 में 95 रन) ने ये कारनामा किया था.
पहले तीन टेस्ट के बाद आखिरी के दो टेस्ट मैचों के लिए हनुमा विहारी को टीम के साथ जोड़ा गया था. लेकिन आखिरी टेस्ट में उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का मौका मिला.