नई दिल्ली: टर्बनेटर के नाम से मशहुर टीम इंडिया के स्टार स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने घरेलू क्रिकेटरों की आर्थिक तंगी को लेकर भारतीय टीम के हेड कोच अनिल कुंबले के नाम एक मार्मिक पत्र लिखा है. हरभजन ने अपनी चिट्ठी में कुंबले से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को दिए जाने वाले पैसों में बढ़ोतरी करने की अपील की है.



हरभजन ने इस पत्र में लिखा है कि रणजी या अन्य घरेलू क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को जो पैसा मिलता है वो बेहद ही कम है. दुनिया की सबसे अमीर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को घरेलू क्रिकेटरों के आर्थिक स्थिति पर ध्यान देना चाहिए.



पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में हरभजन सिंह बताया कि, "मैं लंबे समय से घरेलू क्रिकेट खेल रहा हूं और मैनें जाना है की इन खिलाड़ियों को कितना कम पैसा मिलता है. मैं अपने लिए पैसों की मांग नहीं कर रहा हूं. मेरी अपील यह है कि घरेलू मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को मिलने वाला पैसा बहुत कम है जिसे बढ़ाना चाहिए."



हरभजन कहते हैं, "आखिरी बार साल 2004 में खिलाड़ियों को पैसे देने के लिए नियम में बदलाव किया गया था जो अब तक वैसा ही बना हुआ है. आप खुद सोचिए कि साल 2004 में 100 रुपए का जो महत्व था क्या आज भी उतना ही है ? खिलाड़ी मुश्किल परिस्थितियों में खेलने को मजबूर हैं."



हरभजन ने कहा, "घरेलू क्रिकेट खेलने वाले सभी खिलाड़ियों को टीम इंडिया में जगह नहीं मिल पाती है और ना ही आईपीएल के साथ सब का करार हो पाता है. ऐसे में उनके लिए बहुत मुश्किलें पैदा हो जाती है. उन खिलाड़ियों के भी अपने परिवार हैं जिन्हें लेकर उनकी कुछ उम्मीदें हैं, ऐसे में अगर उन्हें उनको उचित मेहनताना नहीं मिलता है तो निराशा होती है."



पीटीआई से बात-चीत के दौरान हरभजन ने कहा, "बीसीसीआई टीम इंडिया के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए ग्रुप तय कर उन्हें पैसा देती हैं. ग्रुप ए को 2 करोड़, ग्रुप बी को 1 करोड़ और ग्रुप सी को 50 लाख रुपए सालाना दिया जाता है जबकि एक रणजी खेलने वाले खिलाड़ी को सिर्फ मैच फीस के तौर पर 1.50 लाख मिलता जो बेहद की कम है.



आपको बता दें कि एक रणजी प्लेयर की मैच फीस की तुलना में टेस्ट मैच खेलने वाले एक खिलाड़ी को 15 लाख रुपए मिलता है.