Harbhajan Singh Retirement: जब हरभजन की स्पिन में फंसे थे कंगारू, एक सीरीज में लिए थे 32 विकेट
हरभजन सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में खेली गई टेस्ट सीरीज में 32 विकेट लिए थे.
Harbhajan Singh Retirement Best Performance Against Australia: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिन बॉलर रहे हरभजन सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. हरभजन के 23 साल के करियर में कई रिकॉर्ड बने और टूटे, कई यादें जुड़ीं और धुंधली हुईं. लेकिन कुछ मॉमेंट ऐसे रहे जिन्हें शायद ही कोई क्रिकेट फैन भुला पाएगा. इस सिलसिले में हम आपको बता रहे हैं हरभजन सिंह के उन मैचों के बारे में जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे दिग्गज टीमों को आसानी से पवेलियन का रास्ता दिखाया था. इसमें एक मैच बेहद खास हैं. वह है 2001 में खेला गया चेन्नई टेस्ट मैच. इस मैच में हरभजन सिंह ने 15 विकेट चटकाए थे.
साल 2001 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आई थी. यहां तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 27 फरवरी से शुरू हुई. इस सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 18 मार्च से शुरू हुई. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करना सही समझा. ओपनिंग के लिए मैथ्यू हेडन और मिचल स्लेटर आए. स्लेटर को तो जहीर खान ने सस्ते में निपटा दिया. वे महज 4 रन बनाकर आउट हो गए. लेकिन हेडन टीम इंडिया के लिए सिर दर्द बन गए. हरभजन ने दूसरे छोर पर खड़ जस्टिल लैंगर को 35 रनों के स्कोर पर आउट किया. इसके बाद उन्होंने रिकी पोंटिंग को जीरो पर आउट किया. इसके बाद जो सिलसिला शुरू हुआ, वह हैरान करने वाला था. भज्जी ने अगले तीनों खिलाड़ियों को जीरो के स्कोर पर पवेलियन भेज दिया. इसी बीच भारत के मुश्किल खड़ी कर रहे हेडन को आउट किया. हालांकि वे अपना काम कर चुके थे. हेडन ने इस पारी में 203 रन बनाए. इस पारी में ऑस्ट्रेलिया का टोटल स्कोर 391 रहा.
ऑस्ट्रेलिया के दिए बड़े स्कोर को चेज करने उतरी टीम इंडिया ने पहली पारी में 501 रन बना डाले. इसमें सचिंन तेंदुलकर का शतक और वीवीवीएस लक्ष्मण का अर्धशतक शामिल रहा. ऑस्ट्रेलिया टीम दूसरी पारी में बैटिंग करने उतरी. उनके लिए हरभजन का सामना करना मुश्किल हो रहा था. भज्जी युवा थे और स्पिन में माहिर थे. यही वजह थी कि ऑस्ट्रेलियाई टिक नहीं पा रहे थे. दूसरी पारी में भज्जी ने जो किया वह इतिहास बन गया. उन्होंने मैथ्यू हेडन और जस्टिन लैंगर को छोड़कर पूरी टीम को पवेलियन भेज दिया. इस पारी में हरभजन ने 8 विकेट झटके. यह उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ भी बन गया.
हरभजन के खतरनाक रूप की वजह से ऑस्ट्रेलियाई दूसरी पारी में महज 264 रनों पर ऑल आउट हो गए. इसके जवाब में टीम इंडिया ने 8 विकेट गंवा कर यह मैच 2 विकेट से जीत लिया था. भज्जी ने इस सीरीज में कुल 32 विकेट लिए थे. इस मैच और सीरीज में उनके प्रदर्शन की काफी तारीफ की गई. यहां से वे भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे बन गए.