हरभजन सिंह ने बताया- ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर क्यों घातक साबित होते हैं ऑफ स्पिनर नाथन ल्योन
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने बताया कि क्यों नाथन ल्योन को ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर सफलता मिलती है.
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के दूसरे सबसे सफल ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि उन्हें आस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर नाथन ल्योन को फ्लाइट, उछाल और ऑफ स्पिन के साथ गेंदबाजी करते और विकेट लेते देखना अच्छा लगता है.
अब तक 390 विकेट ले चुके ल्योन श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और हरभजन सिंह (417 विकेट) के बाद टेस्ट इतिहास में 400 या उससे अधिक विकेट लेने वाले तीसरे ऑफ स्पिनर बन सकते हैं. ल्योन के पास भारत के साथ शुरू होने वाली आगामी चार मैचों की टेस्ट सीरीज में यह उपलब्धि हासिल करने का मौका होगा. 33 साल के ल्योन ने भारत के खिलाफ 18 टेस्ट मैचों में अब तक 85 विकेट लिए हैं.
ल्योन के बारे में बात करते हुए हरभजन ने कहा, "जिस तरह से वह गेंदबाजी करते हैं, मैं उन्हें देखना पसंद करता हूं. एक ऑफ स्पिनर के लिए ऑस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करना कठिन है. लेकिन उन्हें गेंदबाजी करते देखना बहुत पसंद है. जिस तरह से वह गेंद को फ्लाइट कराते हैं और स्पिन कराते हैं, वह शानदार है. उनके पास कोई दूसरा नहीं है. कोई अन्य अलग गेंद नहीं है. वह बस अपनी उछाल और स्पिन के साथ अधिक प्रभावशाली होते हैं.
पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने आगे कहा कि ल्योन का आस्ट्रेलिया में खेलने से फायदा है, क्योंकि वहीं वह पैदा हुए हैं और वहां की परिस्थितियों को अच्छे से जानते हैं. उन्होंने कहा, "वह उन सभी अन्य गेंदबाजों की तुलना में बेहतर स्थिति को समझते हैं, जो फिलहाल खेल रहे हैं. वह वहीं पैदा हुए थे और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में लगभग हर टेस्ट मैच खेला है. वह उन परिस्थितियों को जानते हैं कि वहां सफलता कैसे प्राप्त कर सकते हैं. वह हमेशा यह पता लगाने में लगे रहते हैं कि उन परिस्थितियों में कैसे गेंदबाजी करनी है. आप जितनी जल्दी इसका पता लगाएंगे, आपका प्रदर्शन उतना ही अच्छा होता जाएगा."
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर ने आगे कहा, "ऑस्ट्रेलिया में सतह से आपको साइड-स्पिन नहीं मिलती है. भारत में गेंद से मिलने वाली तेज स्पिन आपको वहां नहीं मिलेगी. ल्योन साइड-स्पिन का उपयोग नहीं करते, वह सिर्फ उछाल और लेंथ पर निर्भर रहते हैं. वह अतिरिक्त उछाल और बाउंस से बल्लेबाजों को आउट करते हैं."