नई दिल्ली: भारत के लिए 103 टेस्ट मैच खेलने वाले स्टार ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को नहीं लगता कि डे-नाइट टेस्ट मैच पारंपरिक प्रारूप को पीछे छोड़ पाएगा. खेल के लंबे प्रारूप में लोगों को लुभाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पिछले साल न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच नंबवर में पहले डे नाइट टेस्ट मैच का आयोजन किया था. 



 



हरभजन को हालांकि इस नए बदलाव की स्थिरता पर संशय है, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा है कि इसे एक मौका देने में कोई नुकसान नहीं है. 



 



हरभजन ने कहा, "डे-नाइट टेस्ट मैच में गुलाबी गेंद के इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत नहीं है. देखते हैं यह सफल होता है या नहीं."



 



उन्होंने कहा, "मैंने कभी भी गुलाबी गेंद से क्रिकेट नहीं खेली है इसलिए मैं यह नहीं कह सकता कि यह ज्यादा स्पिन होती है या नहीं. मैं नहीं जानता कि डे-नाइट टेस्ट मैच लंबे समय तक चलेगा या नहीं."



 



हरभजन ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया, एशिया कप, टी-20 विश्व कप में मैच ना खेल पाने के बाद में प्लेइंग इलेवन में शामिल होने के लिए इंतजार कर रहा हूं. मेरा काम लगातार मेहनत करना है. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि समय आएगा और मैं तीनो फॉर्मेट में खेलूंगा."