नई दिल्ली: राष्ट्रीय चयनसमिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद को लगता है कि हार्दिक पांड्या में महान क्रिकेटर कपिल देव की बराबरी करने की क्षमता है, बशर्ते यह ऑल राउंडर अपने खेल पर ध्यान लगाए रखे.



मुंबई इंडियंस के लिये टी-20 विशेषज्ञ के तौर पर खेलने आए बड़ौदा के युवा ऑलराउंडर पांड्या ने श्रीलंका के खिलाफ चल रहे तीसरे और आखिरी टेस्ट में शानदार शतक जड़ा जो उनकी पहली टेस्ट सीरीज़ है. पांड्या ने अपने पहले टेस्ट शतक में सात गगनचुंबी छक्के लगाए.



प्रसाद ने कहा, ‘‘अगर वह अपने खेल पर ध्यान लगाए रहता है तो मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले दिनों में उसकी तुलना महान क्रिकेटर कपिल देव से की जाएगी.’’ कपिल के 1994 में संन्यास लेने के बाद भारत को उनकी जैसी काबिलियत रखने वाला कोई ऑलराउंडर नहीं मिला है.



इरफान पठान को अपनी स्विंग गेंदबाजी और आक्रामक बल्लेबाजी से उनकी तरह माना जा रहा था लेकिन चोटों और खराब फॉर्म से वह भी इस ओर नहीं बढ़ सके. अपनी गंभीरता के बावजूद स्टुअर्ट बिन्नी के पास पांड्या जैसी प्रतिभा नहीं है.



प्रसाद से जब पूछा गया कि भारत की भविष्य के ऑलराउंडर की खोज खत्म हो गई है तो उन्होंने कहा, ‘‘हां’’. भारत के इस पूर्व विकेटकीपर ने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारी ऑलराउंडर की खोज हार्दिक के रूप में सफल रही है.’’



मुख्य चयनकर्ता इस बात से ज्यादा संतुष्ट हैं कि पांड्या ने इस मौजूदा सीरीज में अपने शतक और अर्धशतक से अब खुद को सभी फॉर्मेट में साबित कर दिया है. प्रसाद ने कहा, ‘‘वह पहले ही छोटे फॉर्मेट्स (वनडे और टी20) में खुद को स्थापित कर चुका है और इस टेस्ट सीरीज ने उसे लंबे फॉर्मेट में खुद को स्थापित करने का अच्छा मंच दिया है.’’



उन्होंने कहा, ‘‘उसने खुद को मिले मौके का पूरा फायदा उठाया और वह इसमें सफल रहा.’’ यह पूछने पर कि पांड्या को क्या चीज खास बनाती है तो प्रसाद ने कहा, ‘‘वह एथलेटिक है और उत्साह से भरा रहता है और वह काफी सकारात्मक भी है.’’ 



उन्होंने आगे कहा, ‘‘उसके बारे में सकारात्मक चीज यही है कि तीनों विभागों यानि बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में उसकी बेसिक्स काफी मजबूत है.’’ पांड्या को टीम प्रबंधन से काफी समर्थन मिला है, जिसमें कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि यह 23 साल का खिलाड़ी बड़ी ऊंचाईंया हासिल करेगा. 



कोहली ने गॉल में पांड्या के पहले टेस्ट अर्धशतक के बाद कहा था, ‘‘मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि वह भारत के लिए वही काम क्यों नहीं कर सकते जो बेन स्टोक्स इंग्लैंड के लिए कर रहे हैं.’’