हार्दिक पांड्या बिना खेले सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में कैसे बच गए?
हार्दिक पांड्या भी काफी टाइम से घरेलू क्रिकेट से दूर हैं. बावजूद इसके हार्दिक पांड्या पर बीसीसीआई ने कार्रवाई नहीं की.
श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से छुट्टी होने के बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है कि हार्दिक पांड्या आखिर कैसे बच गए? इस सवाल का जवाब मिल गया है. हार्दिक पांड्या ने सिलेक्टर्स को भरोसा दिलाया है कि वो घरेलू क्रिकेट में हिस्सा जरूर लेंगे. इससे पहले बीसीसीआई ने सख्त कार्रवाई करते हुए घरेलू क्रिकेट को अनदेखा करने की वजह से श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों की लिस्ट से बाहर कर दिया.
हार्दिक पांड्या को बीसीसीआई ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में ए ग्रेड में जगह दी है. बीसीसीआई की ओर से सलाना हार्दिक पांड्या को 5 करोड़ रुपये की सैलरी दी जाएगी. लेकिन सवाल यह था कि जब घरेलू क्रिकेट को अनदेखा करने के चलते अय्यर और किशन का कॉन्ट्रैक्ट गया तो फिर हार्दिक पांड्या पर यह शर्त लागू क्यों नहीं हुई. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस सवाल का जवाब तलाशा गया है.
ईशान और अय्यर को मिली सजा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सिलेक्टर्स ने माना है कि हार्दिक पांड्या की चोट गंभीर थी और उन्हें मैदान पर वापसी करने में टाइम लग रहा है. इसके साथ ही हार्दिक पांड्या ने सिलेक्टर्स को भरोसा दिलाया है जब भी वो नेशनल ड्यूटी पर नहीं रहेंगे तो घरेलू क्रिकेट में लिमिटिड ओवर्स मुकाबलों का हिस्सा जरूर बनेंगे. हालांकि हार्दिक पांड्या रेड बॉल फॉर्मेट में वापसी करते हुए नहीं दिख रहे हैं. एक वजह यह भी है कि इस साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद हार्दिक पांड्या को लिमिटिड ओवर्स फॉर्मेट में टीम इंडिया का कप्तान नियुक्त किया जा सकता है.
वहीं श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को रणजी ट्रॉफी नहीं खेलने की कीमत चुकानी पड़ी है. बीसीसीआई की ओर से यह साफ कर दिया गया था कि जो भी खिलाड़ी नेशनल ड्यूटी पर नहीं है उन्हें रणजी ट्रॉफी खेलना होगा. लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया.