क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल की भारतीय में वापसी के लिए इंतजार और बढ़ गया है. प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में लोकपाल नियुक्त करने की अपील की है. न्यायाधीश एस.ए. बोब्डे और ए.एम. सापरे की पीठ ने इस मामले की सुनवाई को अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया है.
इस तरह यह दोनों खिलाड़ी इसी महीने से शुरू से हो रहे न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज से भी बाहर हो गए हैं.
पांड्या और राहुल को टीवी शो 'कॉफी विद करण' में महिलाओं के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने का खामियाजा सस्पेंड के तौर पर उठाना पड़ा है. इसी कारण यह दोनों आगामी न्यूजीलैंड दौर पर वनडे सीरीज में नहीं खेल पाएंगे.
कोर्ट में सीओए का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा कि इस मुद्दे को लोकपाल के लिए जिम्मे सौंप देना बेहतर होगा.
पराग ने अदालत में कहा, "सीओए ने फैसला किया है कि वह इस मसले पर कोई और टिप्पणी तब तक नहीं करेगी जब तक लोकपाल कोई फैसला नहीं ले लेता. इस मामले में लोकपाल की जरूरत है."
गुरुवार को हुई सुनवाई में जब पूर्व महान्यायवादी पी.एस. नरसिम्हा को इस मामले में वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रामण्यम के स्थान पर एमिकस क्यूरी बनाने का सुझाव दिया गया तो अदालत ने कहा कि उनसे पूछा जाना चाहिए क्या वह इस पद को ग्रहण करने को तैयार हैं.
सुब्रामण्यम ने एमिकस क्यूरी बने रहने पर अपनी असमर्थता जाहिर की है. बीसीसीआई के नए संविधान को राज्यों द्वारा अपनाने की स्टेटस रिपोर्ट पर ही चर्चा हुई.
इस बीच राज्य संघों का पक्ष रख रहे महान्यायवादी तुषार मेहता ने कहा है कि सीओए ने अपना काम कर दिया है और अब बीसीसीआई के चुनाव कराए जाने चाहिए.