Game of Gentleman: पंजाब के जालंधर में एक परिवार ऐसा है, जो पूरी तरह 'गेम ऑफ जेंटलमैन' यानी क्रिकेट को समर्पित है. इस परिवार में दादा, ताऊ से लेकर पोते, भतीजे तक सब उम्दा क्रिकेटर हैं और इनमें से लगभग सभी रणजी ट्रॉफी खेले हुए हैं. घर में माहौल भी पूरा क्रिकेट वाला ही है. घर में होश संभालते ही बच्चे के हाथ में बल्ला थमा दिया जाता है. जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, उसी तरीके से उसका प्रैक्टिस लेवल भी बढ़ता जाता है. जी हां, इसी फैमिली से हैं अंडर-19 वर्ल्ड कप में चल रहे बल्लेबाजी हरनूर. हरनूर के जीन्स में ही क्रिकेट हैं, क्योंकि उनके पापा वीर इंद्र सिंह और दादा सरदार राजिंदर सिंह, जहां रणजी खेले हुए हैं, वहीं वो अच्छे कोच भी हैं.
हरनूर के चाचा हरमिंदर सिंह पन्नू बीसीसीआई में लेवल-टू के कोच हैं, जबकि हरनूर के दूसरे चाचा जयवीर सिंह भी रणजी खिलाड़ी रहे हैं. दादा सरदार राजिंदर सिंह पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव रहने के साथ-साथ पंजाब के उम्दा क्रिकेट कोच तो रहे ही हैं, साथ ही वह क्रिकेट सलेक्शन कमेटी के सदस्य भी रहे हैं. जब उनसे हरनूर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उसको बचपन से ही क्रिकेट का बहुत ज्यादा शौक था.
करोना के समय अपने घर के साथ ही प्लाट में प्रैक्टिस कर रहा था
उसका एक किस्सा सुनाते हुए हरनूर के दादाजी ने बताया कि एक बार करोना के समय अपने घर के साथ ही प्लाट में प्रैक्टिस कर रहा था कि बाहर पुलिस वाला आ गया उसने कहा कि प्रैक्टिस बंद कर दो इसने कौन सा इंडिया खेलने यह बात हरनूर के दिल को लग गई और उसने ठान लिया कि मैं भारत के लिए खेल कर ही रहूंगा. इस वक्त भी वह टीम के लिए अच्छा खेल रहा है क्योंकि ओपनिंग बल्लेबाज पर दबाव ज्यादा होता है उसके बावजूद भी उसने अच्छी परफॉर्मेंस की.
पूरा परिवार है क्रिकेट को समर्पित
इस पर जब पिता भी वीर इंद्र सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हमारा पूरा परिवार ही क्रिकेट को समर्पित है तो हम बचपन से ही हरनूर को क्रिकेट के लिए तैयार कर रहे हैं, घर के पास ही वह सारा सारा दिन प्रैक्टिस करता रहता है उसके दादाजी से लेकर सभी लोग उसकी मदद करते हैं ताकि वह एक दिन देश के लिए खेल सके.
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