बॉलीवुड की एक फिल्म 'जब मी मेट' में नायिका को अपने इस बात पर गर्व होता है कि उसकी ट्रेन कभी नहीं छूटी है लेकिन एक सफर के दौरान जब वह रुकी हुई ट्रेन से कुछ खरीदने प्लेटफॉर्म पर उतरती है तो उसी बीच उनकी ट्रेन चल पड़ती है और उनका यह अभिमान चकनाचूर हो जाता है. ऐसा ही कुछ भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को महसूस हो रहा होगा.
दरअसल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज के आखिरी दो मुकाबले में पंत को जिस ट्रेन का टिकट पाने का मौका मिला था वह ट्रेन अब छूट गई है.
जी हां, पंत के पास मौका था कि वह दोनों मैचों में अपने प्रदर्शन से विश्व कप के लिए इंग्लैंड जाने का अपना टिकट कंफर्म कर लें लेकिन बदकिस्मती से ऐसा लग रहा है कि उनका टिकट वेटिंग लिस्ट में ही रह गया है.
आखिरी दो मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी की जगह प्लेइंग इलेवन में ऋषभ पंत को मौका दिया गया था लेकिन दोनों ही मैच में पंत ने बल्लेबाजी और अपनी विकेटकीपिंग से निराश किया. यहां तक कि मोहाली वनडे में उनके खराब विकेटकीपिंग के कारण हूटिंग भी हुई. ऐसे में अब भारतीय टीम मैनेजमेंट सोचने के लिए मजबूर होगी कि पंत को विश्व कप की टीम में शामिल करें या नहीं.
एक तरफ क्रिकेट पंडितों का मानना है कि पंत अपनी आक्रमक बल्लेबाजी के साथ विकेटकीपर के तौर पर धोनी के विकल्प बनेंगे लेकिन लगातार मिल रहे मौकों के बावजूद वह अपनी विकेटकीपिंग में सुधार नहीं कर पा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो वनडे मैचों में पंत ने कई कैच और स्टंपिंग के आसान मौके को गंवाए जिसका खामियाज भारत को सीरीज हारकर चुकानी पड़ी.
विश्व कप की टीम कैसे होगी, इसपर अभी माथा पच्ची जारी है. भारतीय टीम में लंबे समय से प्रयोग चल रहा है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज खत्म होने के बाद भी भारतीय टीम अपने प्लेइंग इलेवन को आखिरी रुप नहीं मिल पाई है.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी वनडे मैच में मिली हार के बाद कप्तान विराट कोहली ने भी माना कि टीम में एक स्थान को छोड़ बाकी खिलाड़ियों के नामों के बारे में सोच लिया गया है. इसके साथ ही कोहली ने यह भी साफ कर दिया है कि आईपीएल में प्रदर्शन के आधार पर अब विश्व कप की टीम में किसी खिलाड़ी के नाम पर विचार नहीं किया जाएगा ऐसे में ऑस्ट्रेलिया सीरीज ने ही विश्व की टीम को लगभग तय कर दिया है.
भारतीय विश्व कप की टीम पर नजर डाले तो मुख्य विकेटकीपर के तौर पर धोनी का टीम में शामिल होना तय है. वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज में शानदार वापसी कर लोकेश राहुल ने भी टीम में अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है. राहुल बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपर के तौर पर भी एक विकल्प हो सकते हैं.
वहीं तीसरे विकेटकीपर के तौर पर टीम मैनेजमेंट दिनेश कार्तिक के नाम पर भी विचार कर सकती है. कार्तिक विकेटकीपिंग के साथ-साथ भारतीय टीम के लिए एक फिनिशर की भूमिका भी निभा सकते हैं और उन्होंने यह साबित भी किया है.
वनडे क्रिकेट में अगर अनुभव की बात की जाए तो ऋषभ पंत कार्तिक से काफी पीछे है. कार्तिक ने पिछले एक साल में भारत के लिए कुल 12 वनडे मैचों की 10 पारियों में 40.33 की औसत से 242 रन बनाए हैं. इस दौरान उनका सार्वधिक स्कोर 44 रन का रहा है. वहीं कार्तिक ने अपने पूरे करियर में कुल 91 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उनका औसत 31.03 का रहा है.
वहीं ऋषभ पंत को वनडे में भारत के लिए सिर्फ पांच मैचों में खेलने का मौका मिला है. जिसमें उन्होंने 23.25 की औसत से सिर्फ 93 रन बनाए हैं. ऐसे में दोनों खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन पर नजर डाले तो यहां दिनेश कार्तिक का पलड़ा भारी नजर आता है.
अब सवाल यह उठता है कि विश्व कप की टीम में पंत को किस जिम्मेदारी के लिए चुना जाए. इसमें कोई शक नहीं कि विकेटकीपिंग में पंत को अभी बहुत सुधार की जरूरत है लेकिन बावजूद इसके टीम में तीन विकेटकीपर होने के बाद उनकी जगह कहां बनती है.
हालांकि यह तय करना टीम मैनेजमेंट का काम है लेकिन लेकिन पंत को इससे सबक लेने की जरूरत होगी क्योंकि उन्हें बार-बार इस तरह के मौके नहीं मिलेंगे.