विराट कोहली की नेतृत्व वाली टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप का आगाज बेहतरीन तरीके से किया है. टीम ने अपने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 6 विकेट से हरा दिया. टॉस जीतकर अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था लेकिन भारतीय गेंदबाजों की बेहतरीन गेंदबाजी की बदलौत टीम सिर्फ 227 रन ही बना सकी. इस दौरान युजवेंद्र चहल ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए.


दक्षिण अफ्रीका शुरूआती झटको के कारण अपने आप को संभाल नहीं पाई. टीम का स्कोर जब 89 रन था तब उसके 5 विकेट गिर चुके थे. इसके बाद क्रिस मोरिस और कगिसो रबाडा ने 66 रनों की साझेदारी की. ये साझेदारी आठवें विकेट के लिए थी.


क्या कहा कप्तान कोहली ने


विराट कोहली ने कहा, "ये मैच शुरूआत से ही बहुत चुनौतीपूर्ण रहा. हमें लगता है कि एक सही शुरूआत बहुत ज़रूरी होती है. ये जीत हमें मिली क्योंकि हमने सब कुछ अच्छे से किया. हां, ये ज़रूर है कि हमारे पास रन रेट नहीं था. आप स्कोर बोर्ड देख सकते हैं कि ये पूरे वक्त कम रहा."


"आप पूरे खेल और पिच को देखेंगे, तो पाएंगे कि गेम चुनौतीपूर्ण था. सभी बल्लेबाज़ों, खासकर रोहित शर्मा को दाद देनी होगी, उनकी इनिंग्स बहुत खास रही. मैं कहूंगा कि ये बहुत ही प्रोफेशनल जीत रही और जीत के साथ टूर्नामेंट में शुरूआत करना भी बहुत अहम रहा."


कोहली ने कहा, "अगर हम टॉस जीतते तो पहले गेदबाज़ी ही करते. हम स्थितियों को जानते थे. खासकर नई बॉल के साथ बहुत ही मुश्किल होता है. आपको सुनिश्चित करना होता है कि पहले 15 एकदम ठीक जाएं. पहले 10 ओवर में हम गेम में घुस चुके थे. बुमराह और भुवनेश्वर ने बेहतरीन खेला. जसप्रीत इस वक्त अलग ही स्तर का खेल रहे हैं. जिस तरह से उन्होंने गेदबाज़ी की, सारे बल्लेबाज़ पूरे वक्त दबाव में थे. उन्हें श्रेय जाता है और फिर चहल ने भी बेहतरीन खेला."


कोहली ने कहा, "पहली जीत हमेशा ही अहम होती है. मैदान पर हम टीम के तौर पर आत्म विश्वास में थे. लेकिन बल्लेबाज़ी करते हुए हमें सावधानी बरतनी थी, क्योंकि साउथ अफ्रीका की टीम के पास विकेट लेने की क्षमता है. इसलिए मैं कह रहा हूं कि रोहित की इनिंग्स बहुत ही खास रहीं. उन्होंने ज़िम्मेदारी बहुत ही खूबसूरती से निभाई. केएल ने उनके साथ बहुत अच्छी बल्लेबाज़ी की. महेंद्र सिंह धोनी भी बहुत ही शांत तरीके से खेले और हार्दिक ने भी बढ़िया खेला. ये कहना अलग बात है कि हम कागज़ों पर एक मज़बूत टीम हैं, लेकिन आपको वहां जाकर जीत के प्रति प्रोफेशनल होना पड़ता है और मैदान पर बिल्कुल यही हुआ."