Cricket Controversies: क्रिकेट का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय-समय पर विवाद देखने को मिलते रहे हैं. 2003 एकदिवसीय क्रिकेट वर्ल्ड कप में भी एक ऐसा विवाद देखने को मिला, जिसने एक क्रिकेटर का करियर ही खत्म कर दिया था. यह मामला जिम्बाब्वे के खिलाड़ी हेनरी ओलोंगा से जुड़ा है, जिन्हें अपने देश में सरकार के खिलाफ आवाज उठाना इतना भारी पड़ा कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. ओलोंगा ने 1995 से लेकर 2003 तक जिम्बाब्वे की टीम के लिए क्रिकेट खेला और एक सफल तेज गेंदबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
यह विवाद साल 2003 में क्रिकेट वर्ल्ड कप के समय का है. जिम्बाब्वे के खिलाड़ी हेनरी ओलोंगा और एंडी फ्लावर ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया था कि जिम्बाब्वे में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है. उन्होंने रॉबर्ट मुगाबे की एकतंत्र की नीति के विरोध में यह बयान जारी किया था. ओलोंगा और फ्लावर ने कहा था कि वो इसी एकतंत्र के विरोध में पूरे 2003 विश्व कप के दौरान बाजू पर काली पट्टी बांध कर खेलेंगे. दोनों का कहना था कि ऐसा करते हुए वो जिम्बाब्वे के अंदर मानवाधिकारों के साथ खिलवाड़ के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.
पूरे विश्व भर उठा मुद्दा
हेंरी ओलोंगा और एंडी फ्लावर के प्रोटेस्ट को दुनिया भर से समर्थन मिला और कई देशों के मीडिया ने इस मुद्दे को कवर किया. मगर इस विवाद ने जिम्बाब्वे की राजनीति में भूचाल ला दिया था. उस समय देश के एक मंत्री ने ओलोंगा के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया कि उनका रंग तो काला है, लेकिन उन्होंने चेहरे पर सफेद मास्क लगाया हुआ है. एक तरफ फ्लावर ने जिम्बाब्वे के लिए खेलना जारी रखा, लेकिन ओलोंगा के लिए मुसीबत बढ़ने लगी थीं.
दी गई गद्दार की संज्ञा
वर्ल्ड कप में इस विवाद के बाद उन्हें केवल एक मैच खेलने का मौका मिला, जिसके उपरांत उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. यहां तक कि उन्हें अपने क्रिकेट क्लब से भी यह कहकर बाहर निकाल दिया गया कि वे 'गद्दार' हैं. उनपर राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाया गया और इसी के चलते उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया. जान से मारने की धमकियों के बीच ओलोंगा कई दिनों तक छुपे रहे और वर्ल्ड कप के ही दौरान इंग्लैंड के लिए रवाना हो गए थे. घुटने की चोट के कारण उन्होंने 2003 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. अब हेनरी ओलोंगा ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं.
हेनरी ओलोंगा का करियर
हेनरी ओलोंगा ने साल 1995 में पाकिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट मैच में अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था. उन्होंने अपने करियर में जिम्बाब्वे के लिए 30 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 68 विकेट लिए. इसके अलावा उन्होंने 50 वनडे मैचों में 58 विकेट भी चटकाए.
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