कहानी उस क्रिकेट वर्ल्ड कप की... बीसीसीआई कैसे नोट छापने की मशीन बन गया?
BCCI: एक वक्त था जब बीसीसीआई बदहाली से जूझ रहा था, लेकिन आज वर्ल्ड क्रिकेट पर राज कर रहा है. बीसीसीआई को पैसे छापने की मशीन बनाने का क्रेडिट पूर्व प्रेसीडेंट जगमोहन डालमिया को जाता है.
Jagmohan Dalmiya: आज बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट का सबसे अमीर बोर्ड है. लेकिन हमेशा हालात ऐसे नहीं थे, एक वक्त था जब बीसीसीआई बदहाली से जूझ रहा था, लेकिन आज वर्ल्ड क्रिकेट पर राज कर रहा है. बीसीसीआई को पैसे छापने की मशीन बनाने का क्रेडिट पूर्व प्रेसीडेंट जगमोहन डालमिया को जाता है. बीसीसीआई की नेट वर्थ तकरीबन 18740 करोड़ रुपए है. इसकी शुरूआत 90 के दशक में हो गई थी.
बदहाली के दौर से निकालकर सबसे अमीर बोर्ड बना बीसीसीआई
उस शख्स का नाम है जगमोहन डालमिया जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को बदहाली के दौर से निकालकर सबसे अमीर बोर्ड बना दिया. क्रिकेट का सेन्ट्रल प्वॉइंट लॉर्ड्स की जगह कोलकाता कोलकाता का ईडन गार्डेन बन गया, इसके पीछे जगमोहन डालमिया का कमाल था. दरअसल, एक वक्त वर्ल्ड क्रिकेट पर इंग्लैड और ऑस्ट्रेलिया का एकाधिकार था, लेकिन जगमोहन डालमिया ने दोनों देशों को पीछे छोड़ भारत का वर्चस्व बनाया. जगमोहन डालमिया का मानना था कि क्रिकेट प्रशासनिक स्तर पर डेमोक्रेडिट होनी चाहिए. उस वक्त आईसीसी का अध्यक्ष बनना किसी एशियाई शख्स के लिए सपने जैसा था.
कैसे जगमोहन डालमिया ने डाली बदलाव की नींव?
90 के दशक की शुरूआत में बीसीसीआई और वर्ल्ड टेल के बीच टेलीविजन ब्रॉडकास्ट को लेकर करार हुआ. इसके बाद बीसीसीआई लगातार आर्थिक रूप से मजबूत बनता गया. इस करार के पीछे जगमोहन डालमिया का दिमाग था. जगमोहन डालमिया की बदौलत भारत को रिलायंस वर्ल्ड कप 1987 और विल्स वर्ल्ड कप 1996 की मेजबानी मिली. वह अपने तकरीबन 35 सालों के प्रशासनिक करियर में बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के कार्यकारी समिति के सदस्य के अलावा बीसीसीआई में विभिन्न पदों पर रहे. साथ ही वह 1997 में सर्वसम्मति से आईसीसी के अध्यक्ष चुने गए.
ऐसा कहा जाता है कि जगमोहन डालमिया बीसीसीआई के पहले ऐसे अधिकारी रहे जो क्रिकेट में पैसा लाए. उन्होंने बिंद्रा के साथ मिलकर भारतीय बोर्ड की तस्वीर बदली. हालांकि, बाद में जगमोहन डालमिया और बिंद्रा आमने-सामने भी हुए. जगमोहन डालमिया के वक्त भारत में विदेशी टेलीविजन चैनल आए, ब्रॉडकास्टिंग राइट्स महंगी कीमतों पर बिकने लगे. इस तरह भारतीय क्रिकेट के दिन बदलने लगे थे.
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