एक रणजी प्लेयर कितनी कर लेता है कमाई? यहां जानें एक मैच खेलने की कितनी मिलती है सैलरी
Ranji Trophy: भारत के सबसे बड़े डोमेस्टिक टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाड़ियों की सैलरी कितनी होती है? इस टूर्नामेंट से खिलाड़ी कितनी कमाई कर लेते हैं?
Ranji Trophy Players Salary: रणजी ट्रॉफी भारत का सबसे बड़ा डोमेस्टिक टूर्नामेंट है. रणजी ट्रॉफी का पहला सीजन 1934-35 में खेला गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाड़ियों की सैलरी कितनी होती है? इस टूर्नामेंट से खिलाड़ी कितनी कमाई कर लेते हैं? बहरहाल, आज हम आपको बताएंगे कि रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले क्रिकेटर कितनी कमाई करते हैं? इन क्रिकेटरों को प्रति मैच कितने रुपए मिलते हैं?
ऐसा कहा जाता है कि बड़े खिलाड़ियों के रणजी ट्रॉफी में नहीं खेलने की बड़ी वजह सैलरी है. आईपीएल में खिलाड़ियों को करोड़ों रुपये मिलते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि रणजी ट्रॉफी में सैलरी स्ट्रक्चर आईपीएल से काफी अलग है. रणजी ट्रॉफी में खिलाड़ियों को प्रति दिन के हिसाब से पैसे मिलते हैं.
रणजी मैचों की सैलरी की बात करें तो यह अनुभव के आधार पर होती है. जैसे जिन खिलाड़ियों के पास 40 से ज्यादा मैचों को अनुभव है उन्हें प्रति दिन 60 हजार रुपये मिलते हैं. जिन खिलाड़ियों ने 20 से 40 के बीच मैच खेले हैं उन्हें 50 हजार रोजाना मिलते हैं, जबकि 20 से कम मैच खेलने वाले खिलाड़ियों को प्रतिदिन के 40 हजार रुपये मिलते हैं.
ऐसे खिलाड़ी दो मैच नहीं खेलते हैं, लेकिन टीम का हिस्सा होते हैं, उन्हें भी पैसा मिलता है. पर यह खेलने वाले खिलाड़ियों से काफी कम होता है. रणजी ट्रॉफी में बेंच पर बैठने वाले खिलाड़ियों को आधी राशि मिलती है. यानी अगर आप प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं हैं तो आपको बाकियों की तुलना में आधी सैलरी मिलेगी.
बताते चलें कि रणजी ट्रॉफी के ग्रुप राउंड के मैच चार दिन के होते हैं, जबकि नॉक आउट मैच 5 दिन के होते हैं. रणजी ट्रॉफी के ग्रुप राउंड में तकरीबन 7 मैच होते हैं, तीन नॉकआउट मैच होते हैं. इस तरह रणजी ट्रॉफी में एक खिलाड़ी सभी मैच खेले तो उसके कुल 10 मैच होंगे और कुल 43 दिन. साथ ही अगर एक खिलाड़ी सभी मैच खेलकर रणजी ट्रॉफी जीत लेते हैं तो उसे तकरीबन 25 लाख रुपये सैलरी के रूप में मिलते हैं. अगर टीम नॉकआउट में जगह नहीं बना पाई तो खिलाड़ी करीब 17 लाख रुपये कमा पाएगा.
आपको जानकर हैरानी होगी कि पहले रणजी ट्रॉफी की सैलरी और भी कम हुआ करती थी. जय शाह और सौरव गांगुली जब बीसीसीआई में आए तो इन दोनों ने घरेलू क्रिकेट के महत्व को बढ़ाने के लिए खिलाड़ियों की सैलरी में इज़ाफा किया था.
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