टी-20 सीरीज में 5-0 की एतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद वनडे सीरीज में भी टीम इंडिया से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी. लेकिन वनडे सीरीज में बिल्कुल उलटा हुआ. अब तक खेले गए दोनों मैच कीवियों ने जीत लिए. इसके साथ ही 3 वनडे मैचों की सीरीज में उन्होंने 2-0 की अपराजेय बढ़त हासिल कर ली है. यानी टेस्ट सीरीज के लिए मैदान में उतरने से पहले दोनों टीमों के खाते में 1-1 सीरीज की जीत रहेगी. शनिवार को ऑकलैंड में खेले गए मैच में न्यूज़ीलैंड ने भारत को 22 रनों से हरा दिया. इससे पहले हैमिल्टन में खेले गए पहले वनडे में भी न्यूज़ीलैंड ने 4 विकेट से भारत को हराया था. सीरीज का आखिरी वनडे मैच 11 फरवरी को खेला जाएगा. ऑकलैंड में खेले गए मैच में भारतीय टीम के लिहाज से सबसे बड़ी दिक्कत सलामी बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन रहा. 274 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम के पांच बल्लेबाज सौ रनों के पहले पहले पवेलियन लौट चुके थे. इसमें भी ध्यान इस बात पर देना चाहिए कि भारतीय पारी के पांच ओवर भी नहीं हुए थे और स्कोरबोर्ड पर 34 रन ही जमा हुए थे जब मयंक अग्रवाल और पृथ्वी साव पवेलियन लौट चुके थे. इन दोनों ही खिलाड़ियों को पहली बार वनडे फॉर्मेट में सलामी बल्लेबाज की भूमिका सौंपी गई थी. पहले दोनों इम्तिहान में इन दोनों बल्लेबाजों ने निराश किया. इसके बाद कप्तान विराट कोहली समेत करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस को रोहित शर्मा की याद आ रही होगी. आपको याद दिला दें कि टी-20 सीरीज में चोट की वजह से रोहित शर्मा वनडे और टेस्ट सीरीज से बाहर हो गए थे. टीम के दूसरे सलामी बल्लेबाज शिखर धवन पहले से ही चोट की वजह से टीम से बाहर हैं.

पृथ्वी और मयंक को काबिलियत साबित करनी होगी

पृथ्वी साव और मयंक अग्रवाल दोनों खिलाड़ियों की काबिलियत पर किसी को शक नहीं है. दोनों बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में अपना टेलेंट दिखा चुके हैं. दोनों ही बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में शतक लगा चुके हैं. मयंक अग्रवाल के खाते में 3 और पृथ्वी साव के खाते में 1 टेस्ट शतक है. पहले शिखर धवन और फिर रोहित शर्मा को लगी चोट के बाद परिस्थितियां कुछ ऐसी बनीं कि इन दोनों ही खिलाड़ियों को एक साथ पांच फरवरी को पहले मैच में वनडे डेब्यू करने का मौका दिया गया. पहले मैच में दोनों बल्लेबाजों के बीच पहले विकेट के लिए पचास रन की साझेदारी हुई थी. दूसरे मैच में भी दोनों बल्लेबाज अच्छी ‘टच’ में लग रहे थे लेकिन सलामी बल्लेबाज में जिस तरह की एकाग्रता दिखनी चाहिए वो इनमें नहीं दिखी. नतीजा दोनों मैच में पृथ्वी साव को अच्छी शुरुआत मिली लेकिन वो उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए. इस बात को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि दूसरे वनडे में उन्होंने जो 24 रन बनाए वो सभी रन उन्होंने चौके की मदद से बनाए. यानी उनके बल्ले में गेंद तो आ रही थी. मयंक अग्रवाल को तो खैर दूसरे वनडे में अच्छी शुरुआत भी नहीं मिली.

समझनी होगी मौके की अहमियत

इस सीरीज के पहले ही विराट कोहली ने साफ कर दिया था कि वो केएल राहुल से वनडे फॉर्मेट में नंबर पांच पर ही बल्लेबाजी कराएंगे. इस फैसले से ये संकेत साफ है कि विराट कोहली बल्लेबाजी क्रम को लेकर बहुत प्रयोग करने के मूड में अब नहीं हैं. उन्हें इंतजार है कि शिखर धवन और रोहित शर्मा अपनी अपनी चोट से उबरकर टीम में लौटें और वो अपनी जिम्मेदारी संभाले. इन दोनों नियमित ओपनर्स के लौटने के बाद तीसरे नंबर पर विराट, चौथे पर श्रेयस अय्यर और पांचवें पर केएल राहुल रहेंगे. इसका एक मतलब ये भी कि है कि मयंक अग्रवाल और पृथ्वी साव के पास बहुत ज्यादा मौका नहीं है. 11 फरवरी को आखिरी वनडे में इन दोनों बल्लेबाजों को लिमिटेड ओवर में भी अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी. जिससे आगे भी इनके नाम पर चर्चा होती रहे और वक्त बेवक्त इन्हें मौके भी मिलें. वरना भारतीय क्रिकेट में कुछ खिलाड़ियों पर टेस्ट क्रिकेटर की मोहर लगने में ज्यादा वक्त नहीं लगता.