भारतीय क्रिकेटर दिनेश मोंगिया ने मंगलवार को अपने संन्यास का एलान कर दिया. मोंगिया के करियर का सबसे बेहतरीन पल साल 2003 की वर्ल्ड कप टीम में खेलना था. इस दौरान भारतीय टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से जरूर हार गई थी लेकिन टीम के दमदार प्रदर्शन के लिए आज भी उस वर्ल्ड कप को याद किया जाता है. दिनेश मोंगिया को भले की उनके पूरे क्रिकेट करियर में ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई लेकिन उन्होंने साल 2003 वर्ल्ड कप के दौरान एक ऐसे खिलाड़ी का विकेट ले लिया था जिसने भारत के खिलाफ 140 रनों की पारी खेल दी थी वो भी फाइनल में.
जी हां हम बात कर रहे हैं रिकी पॉन्टिंग की जिनके 140 रनों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट के नुकसान पर 359 रन बनाए थे और टीम इंडिया को जीतने के लिए 359 रनों का टारगेट दिया था.
डेमियन मार्टिन और रिकी पॉन्टिंग सही बल्लेबाजी कर रहे थे और भारत के दो स्पिनर्स यानी की युवराज और मोंगिया गेंदबाजी कर रहे थे. 38वें ओवर में दिनेश मोंगिया गेंदबाजी कर रहे थे और उस दौरान रिकी पॉन्टिंग स्ट्राइक पर थे. मोंगिया ने गेंद फेंकी लेकिन आउट होने के बावजूद बकनर ने पॉन्टिंग को LBW आउट नहीं दिया.
पॉन्टिंग ने मोंगिया की गेंद को स्वीप खेलने की कोशिश की और विकेट पूरी तरह मिस कर गए. हालांकि बकनर ने इस दौरान कुछ भी रिएक्शन नहीं दिया. पॉन्टिंग उस दौरान 68 गेंदों पर 46 रन बनाकर खेल रहे थे. ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट के नुकसान पर 223 रन बना लिए थे और 38वां ओवर चल रहा था. हालांकि इस दौरान अगर पॉन्टिंग आउट हो जाते तो भारत को टारगेट बेहद कम मिलता और शायद टीम इंडिया वर्ल्ड कप पर कब्जा भी कर लेती.
पॉन्टिंग ने अपनी पारी में 121 गेंदों में 140 रन बनाए थे जिसमें 4 चौके और 8 छक्के शामिल थे. हालांकि उस दौरान DRS नहीं था जिससे टीमों को नुकसान भी उठाना पड़ता था.
https://youtu.be/EGqDUZ6e9cU
कैसे अंपायर स्टीव बकनर ने रिकी पॉन्टिंग के रूप में दिनेश मोंगिया से विकेट और भारत से छीन लिया था 2003 वर्ल्ड कप खिताब
ABP News Bureau
Updated at:
19 Sep 2019 02:15 PM (IST)
दिनेश मोंगिया ने भारतीय क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया है. उन्हें साल 2003 वर्ल्ड कप के दौरान टीम में शामिल होने के लिए जाना जाता है. हालांकि उनका करियर उनका बड़ा नहीं था.
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