एक किशोर मोटा सा लड़का जो खाने का शौकीन था, बालों में जेल लगाता था और अक्सर शरारतें करता थे. लेकिन क्या कभी किसी ने ये सोचा था ये लड़का आगे चलकर दुनिया का वो बल्लेबाज बनेगा जिससे सभी गेंदबाज खौफ खाएंगे. जी हां हम बात कर रहे हैं विराट कोहली की. विराट ने साल 2008 में ही ये दिखा दिया था कि वो जीतने का दम रखते हैं. साल 2008 में भारतीय टीम ने अंडर 19 वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर कब्जा किया था और इस टीम के कप्तान थे विराट कोहली. उस दौरान भारतीय सीनियर टीम में ऐसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल थे जिनके सामने विराट कुछ नहीं थे.
लेकिन साल 2008 में वो वक्त भी आ गया जब विराट को श्रीलंका के खिलाफ सीनियर टीम में शामिल कर लिया गया. वनडे सीरीज में विराट को ओपनिंग करने का मौका मिला और उन्होंने अपने आप को साबित भी किया. लेकिन सचिन- सहवाग की जोड़ी के सामने उन्हें टीम से बाहर होना पड़ता था.
20 साल का ये क्रिकेटर लगातार दिल्ली के लिए खेलता रहा और अपने आप को साबित करता रहा. अब इस खिलाड़ी को जूनियर क्रिकेट से आगे बढ़ना था. कोहली ने इसके बाद साल 2009 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया और वहां की दमदार गेंदबाजी अटैक के सामने खेला. इसके बाद विराट ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में शतक जड़ा और टीम को जीत दिलाई. ये युवा बल्लेबाज मैन ऑफ द मैच भी बना. विराट ने इस टूर्नामेंट में कुल 398 रन बनाए थे वो भी 7 इनिंग्स में जहां उनके नाम दो शतक और दो अर्धशतक हैं. इन पारियों की मदद से विराट ने सेलेक्टर्स के सामने अपने आप को एक रॉ और फ्रेश टैलेंट के रूप में दर्शाया.
सचिन से बड़े विराट?
भारतीय क्रिकेट में कई दिग्गज आए और गए, किसी ने कप्तानी में लोहा मनवाया तो किसी ने बल्लेबाज़ी में. लेकिन भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा नाम है जिसे बड़ा नाम शायद ही क्रिकेट के इतिहास में कोई हो. वो नाम है मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का. इस बात में ना तो किसी भारतीय को कोई शक है और ना ही विश्व क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गज़ों को.
1989 से 2013 तक भारत के लिए क्रिकेट खेले इस दिग्गज का रिकॉर्ड तोड़ने के करीब तो दूर, आस-पास भी कोई नहीं पहुंचा सका. लेकिन दिल्ली के एक लड़के ने चुपचाप क्रिकेट की पिच पर कदम रखा और ऐसी दौड़ लगाई कि आज खुद सचिन तेंदुलकर भी इस बात को मानते हैं कि अगर कोई उनके रिकॉर्ड को तोड़ सकता है तो वो हैं विराट कोहली.
दिल्ले से दुनिया के टॉप बल्लेबाज तक का सफर
भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान और विश्व क्रिकेट के नंबर एक बल्लेबाज़ विराट कोहली का जन्म दिल्ली के एक साधारण से परिवार में 5 नवंबर 1988 को हुआ. क्रिकेट का जुनून इस कदम हावी था कि पिता ने क्रिकेट अकेडमी में नाम लिखवा दिया. इसके बाद इस लड़के ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कोहली ने 2006 में अपने पहले श्रेणी क्रिकेट कैरियर की शुरुआत करने से पहले विभिन्न आयु वर्ग के स्तर पर शहर की क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया.
विराट ने धीरे-धीरे अपनी क्रिकेटिंग तकनीक से सभी का दिल जीत लिया और रन बनाने भी शुरु कर दिए. आईपीएल में और भारतीय टीम के लिए लगातार रन बनाने के बाद धोनी का भरोसा उन पर बना रहा.
धोनी ने इस युवा बल्लेबाज़ को साल 2011 विश्वकप का टिकट भी दिलवा दिया. इसके बाद तो कहानी किसी सुनहरे सपने सी चलती चली गई. विराट कोहली को साल 2011 में ही टेस्ट कैप मिली. जिसके बाद उन्होंने पीछे पलट कर नहीं देखा. साल 2012 में विराट कोहली को टीम इंडिया का उप-कप्तान बनाया गया. जिसके बाद से उनका सफर जारी हो गया.
साल 2013 के बाद विराट की क्रिकेटिंग तकनीक और उनकी प्रतिभा का लोहा हर जगह माना जाने लगा. जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट शतक के साथ वनडे स्पेशलिस्ट बल्लेबाज़ के टैग को भी जीत लिया. क्रिकेटिंग डेब्यू के पांचवे साल यानि 2013 में विराट कोहली को आईसीसी का नंबर एक का स्थान भी मिल गया. लगातार रन बनाते रहने की वजह से विराट कोहली लगातार टॉप-10 रैंकिंग में बरकरार रहे.
इतना ही नहीं टी20 क्रिकेट में भी विराट कोहली ने ऐसा कमाल किया कि फिर उन्हें मॉर्डन क्रिकेट का सबसे बड़ा बल्लेबाज़ माना जाने लगा. उन्होंने टेस्ट, वनडे के बाद टी20 फॉर्मेट में भी अपने कमाल से सबका दिल जीत लिया.
पहले साल 2014 और उसके बाद साल 2016 में खेले गए टी20 विश्वकप में तो विराट कोहली सबसे अधिक रनों के बाद मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे. अब तक उनके समकालीन बल्लेबाज़ उनसे बहुत पीछे रह गए.
कप्तानी
2014 में धोनी की टेस्ट क्रिकेट से विदाई के बाद विराट को टेस्ट कप्तानी मिली. इसके बाद से अब तो भारतीय टीम की टेस्ट कप्तानी कर रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कप्तानी में भी अपना लोहा मनवाया है. दिसंबर 2018 में विराट कोहली इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट मैच जीतने वाले पहले एशियाई कप्तान भी बने.
मौजूदा समय में विराट कोहली की कप्तानी में ही भारतीय वनडे और टी20 टीमें भी खेल रही हैं. अक्टूबर 2017 के बाद वो लंबे समय तक वनडे क्रिकेट के नंबर बन बल्लेबाज़ रहे. एक ऐसा समय भी आया जब 13 दिसंबर 2016 को वह आईसीसी रैंकिंग में तीनों फॉर्मैट के प्रथम 3 स्थानों में शामिल थे.
वनडे क्रिकेट में विराट कोहली ने 11520 रन बना लिए हैं और ऐसा भी माना जाता है कि वो सचिन तेंदुलकर के सर्वाधिक रन और सर्वाधिक शतकों का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं. वनडे में वैसे भी विराट कोहली दूसरे सबसे ज्यादा शतक बना चुके हैं.
फाइनल सफर
साल 2018 के पहले हफ्ते में विराट ने दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम इंडिया की कमान संभाली. ये सबकुछ विराट की शादी यानी की गर्लफ्रैंड अनुष्का शर्मा के साथ शादी रचाने के बाद. पहले दो टेस्ट मैचों को टीम को झटका लगा लेकिन टीम तीसरा टेस्ट जीतने में कामयाब रही. कोहली ने अफ्रीका के मुश्किल विकेट पर इंग्लैंड में खेले गए अपने तकनीक को अपनाया जिसके बाद उन्होंने वापस मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद साल 2018 में विराट ने इंग्लैंड में 10 इनिंग्स में कुल 593 रन मारे इसमें दो शतक शामिल थे. हालांकि भारत ये सीरीज 1-4 से हार गई. लगातार दो सीरीज हारने के बाद विराट की कप्तानी पर लोग शक करने लगे थे.
साल 2018 के अक्टूबर में विराट ने वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे में लगातार 3 शतक लगाए. इसके बाद विराट वनडे में सबसे तेज 10,000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज भी बने.
आईपीएल का सफर
विराट कोहली का आईपीएल सफर किसी बुरे सपने से कम नहीं है. विराट ने अबतक अपने पूरे आईपीएल में एक भी टॉफी नहीं जीती न ही टीम अच्छा प्रदर्शन कर पाई. विराट ने हर साल एक ही फ्रैंचाइजी के लिए मैच खेले और वो है रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम. ये सिलसिला साल 2008 से चलता आ रहा है.
विराट ने आईपीएल में राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और डेनियल विटोरी जैसे बड़े नामों के नेतृत्व में काफी कुछ सीखा. लेकिन टीम लगातार बुरा प्रदर्सन करती रही. साल 2011 के आईपीएल सीजन में विराट इकलौते ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें रिटेन किया गया. विराट ने साल 2012 के बाद लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया. लेकिन बैंगलोर की टीम को आज भी आईपीएल खिताब का इंतजार है.
विराट को मिले अहम सम्मान:
2013 में, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों के सम्मान में अर्जुन पुरस्कार दिया गया था. पद्मश्री को उन्हें खेल श्रेणी के तहत 2017 में सम्मानित किया गया था.
2018 में, टाइम पत्रिका ने कोहली को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक नाम दिया. इन्हें 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
अनुष्का के साथ रिश्ता:
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की दोस्ती और डेटिंग की शुरुआत एक शैंपू के विज्ञापन की शूटिंग के दौरान हुई थी। उसके बाद यह रिश्ता परवान चढ़ता गया। कई मौकों पर विराट कोहली ने मीडिया के सामने भी अनुष्का के साथ अपने रिश्ते को खुलकर कबूल किया. इसके बाद इन दोनों ही सितारों ने 11 दिसंबर 2017 को इटली में शादी रचा ली.