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उम्र के साथ बेहतर होने पर धोनी ने कहा, मैं पुरानी वाइन की तरह हूं
ABP News Bureau
Updated at:
01 Jul 2017 12:55 PM (IST)
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एंटीगा: महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी फॉर्म में निरंतरता की कमी देखने को मिली है, लेकिन इस पूर्व भारतीय कप्तान का मानना है कि वह पुरानी वाइन की तरह हैं, जिसका स्वाद समय बीतने के साथ बेहतर होता जाता है.
धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 79 गेंद में 78 रन की पारी खेली, जिससे भारत ने बल्लेबाजी के लिए मुश्किल लग रही पिच पर भी चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा कर दिया.
पूर्व भारतीय कप्तान खुश हैं कि हाल के समय में शीर्ष तीन बल्लेबाजों के ज्यादातर रन बनाने के बाद भी उन्हें उम्दा पारी खेलने का मौका मिला.
यह पूछने पर कि उम्र बढ़ने के साथ वह कैसे बेहतर हो रहे हैं, धोनी ने तुरंत जवाब दिया, “यह वाइन की तरह है.” मुश्किल पिच पर रन बनाने की संतुष्टि भी धोनी के शब्दों में दिखी. उन्होंने कहा, “पिछले डेढ़ साल से हमारा शीर्ष क्रम अधिकांश रन बना रहा है इसलिए मौका मिलना और रन बनाना अच्छा है.”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह विकेट की प्रकृति है (जिसने पारी को खास बनाया). असमान उछाल थी और कई बार गति भी. उस समय साझेदारी करना महत्वपूर्ण था. मेरे दिमाग में 250 रन का स्कोर था और हम वहां पहुंचे और केदार ने अंत तक मेरे साथ बल्लेबाजी की. यह ऐसा स्कोर था जिसका गेंदबाज बचाव कर सकते थे लेकिन उन्हें बेहतर गेंदबाजी करनी थी.”
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एंटीगा: महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी फॉर्म में निरंतरता की कमी देखने को मिली है, लेकिन इस पूर्व भारतीय कप्तान का मानना है कि वह पुरानी वाइन की तरह हैं, जिसका स्वाद समय बीतने के साथ बेहतर होता जाता है.
धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 79 गेंद में 78 रन की पारी खेली, जिससे भारत ने बल्लेबाजी के लिए मुश्किल लग रही पिच पर भी चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा कर दिया.
पूर्व भारतीय कप्तान खुश हैं कि हाल के समय में शीर्ष तीन बल्लेबाजों के ज्यादातर रन बनाने के बाद भी उन्हें उम्दा पारी खेलने का मौका मिला.
यह पूछने पर कि उम्र बढ़ने के साथ वह कैसे बेहतर हो रहे हैं, धोनी ने तुरंत जवाब दिया, “यह वाइन की तरह है.” मुश्किल पिच पर रन बनाने की संतुष्टि भी धोनी के शब्दों में दिखी. उन्होंने कहा, “पिछले डेढ़ साल से हमारा शीर्ष क्रम अधिकांश रन बना रहा है इसलिए मौका मिलना और रन बनाना अच्छा है.”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह विकेट की प्रकृति है (जिसने पारी को खास बनाया). असमान उछाल थी और कई बार गति भी. उस समय साझेदारी करना महत्वपूर्ण था. मेरे दिमाग में 250 रन का स्कोर था और हम वहां पहुंचे और केदार ने अंत तक मेरे साथ बल्लेबाजी की. यह ऐसा स्कोर था जिसका गेंदबाज बचाव कर सकते थे लेकिन उन्हें बेहतर गेंदबाजी करनी थी.”
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