भारतीय उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि दो साल के सूखे के बाद 10वां टेस्ट शतक जड़ना विशेष था और वह एंटीगा में ऐसा करने के बाद थोड़े भावुक हो गये थे. रहाणे ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में 81 और 102 रन की मैच विजयी पारियां खेलीं जिससे भारत ने एंटीगा में 381 रन के बड़े अंतर से जीत हासिल की.

रहाणे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि 10वां शतक सचमुच काफी विशेष था. मैं किसी विशेष जश्न के बारे में नहीं सोच रहा था, यह अपने आप हुआ. मैं थोड़ा भावुक हो गया था.’’

टेस्ट श्रृंखला से पहले रहाणे की फार्म पर काफी बहस चल रही थी लेकिन भारतीय टेस्ट टीम के उप कप्तान ने अपने आलोचकों को चुप कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘यह 10वां शतक जड़ने में मुझे दो साल लगे. जैसा कि मैंने कहा कि प्रक्रिया हमेशा ही मेरे लिये काफी मायने रखती है. हर श्रृंखला से पहले तैयारी काफी अहम होती है. वास्तव में मैं पूरे दो वर्षों से ऐसा कर रहा था इसलिये यह 10वां शतक सचमुच काफी अहम था.’’

भारत ने पहली पारी में 25 रन तक तीन विकेट गंवा दिये थे तब रहाणे बल्लेबाजी करने उतरे और इस बल्लेबाज ने इसे टीम के लिये विशेष करने के मौके के रूप में देखा.

रहाणे ने कहा, ‘‘हम दबाव में थे. मुझे लगा कि वेस्टइंडीज ने पूरे दिन सचमुच काफी अच्छी गेंदबाजी की थी. यह अपनी टीम के लिये कुछ विशेष करने का मौका था. मुझे लगता है कि परिस्थितियों के कारण मैं अपने बारे में नहीं सोच रहा था क्योंकि तब साझेदारी करना काफी अहम था और एक खिलाड़ी को बल्लेबाजी करनी थी और हम यह जानते थे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सोचा कि यह मेरे लिये भी कुछ विशेष होगा क्योंकि हम जानते थे कि हम उस समय मुश्किल स्थिति में थे. खुश हूं कि हमने उस स्थिति से वापसी करते हुए सचमुच काफी अच्छा किया.’’